बिलासपुर. विश्वविद्यालय के 10 वें त्रि दिवसीय स्थापना दिवस समारोह के अपरान्ह सत्र में उद्घाटन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें प्रथम उद्बोधन केन्द्रीय पर्यटन व संस्कृति राज्य मंत्री भारत सरकार प्रहलाद सिंह पटेल रहे। उन्होंने बताया कि संस्कार और शिक्षा का समन्वय विश्वविद्यालय की उचित नैतिक व शैक्षिक देन है। उन्होंने कहा मुझे खुशी है कि अटल बिहारी वाजपई विश्वविद्यालय इन मानकों पर खरा उतर रहा है।

स्थापना दिवस के स्वागत अध्यक्ष विश्वविद्यालय के कुलपति अरुण दिवाकर नाथ वाजपेई रहे। जिन्होंने विश्व विद्यालय के दसवें स्थापना दिवस समारोह की सभी को बधाई दी और बताया कि जैसे 10 वर्षीय बालक के लिए उसके भौतिक व नैतिक विकास व स्वर्णिम भविष्य निर्माण हेतु उसकी अवस्था अनुकूल होती है। जिसमें उचित, नैतिक शिक्षा और संस्कार की आवश्यकता बालक को होती है। उसी प्रकार विश्वविद्यालय भी अपने उत्कृष्टतम दसवें पायदान पर आगे बढ़ रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उमेश पटेल उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री खेल व युवा कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने कहा कि बिलासपुर विश्वविद्यालय अपने उदय काल से ही सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता रहा है। आने वाले दिनों में भी यह शोध व तकनीकी के क्षेत्र में भी उत्कृष्ट कार्य करेगा।

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि धनंजय देवांगन सचिव उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा और शैक्षिक गतिविधियों में सदैव ही आगे रहा है। कार्यक्रम की मुख्य अनुसुइया उइके राज्यपाल रही। उन्होंने विश्वविद्यालय की स्वर्णिम भविष्य हेतु विश्व विद्यालय के सभी सदस्यों को शुभकामनाए दी।

आज के कार्यक्रम में प्रमुख रूप से राजेन्द्र यादव द्वारा रचित कुलगीत का संशोधित विवरण प्रस्तुत किया गया तथा विश्वविद्यालय के ध्येय वाक्य को संशोधित कर “योग: कर्मसु कौशलम” निर्धारित किया गया। विश्वविद्यालय द्वारा “कन्हार” नामक त्रि मासिक पत्रिका की शुरुआत की गई। विश्वविद्यालय के उचित शैक्षिक व अकादमिक प्रबंधन तथा प्रदर्शन हेतु सर्वश्रेष्ठ शिक्षक सर्व श्रेष्ठ छात्र- छात्रा सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी एवं कोरोना काल में कार्य करने वाले छात्र छात्राओं को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम की मुख्य संचालिका डॉक्टर सुमोना भट्टाचार्य रही। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक कुलसचिव डॉक्टर सुधीर शर्मा, कार्यक्रम समन्वयक डॉक्टर एच. एस. होता, कार्यक्रम के मुख्य संचालक डॉ. मनोज सिन्हा रहे। कार्यक्रम में उपस्थित डॉ.सौमित्र तिवारी, डॉ. गौरव साहू कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी, कर्मचारी, शोधार्थी, व्याख्याता गण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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