मंथन भारत की frist crowd funded फिल्म है, जिसे बनाने के लिए 5 लाख किसानों ने 2-2 रुपये चंदा दिया

श्याम बेनेगल की 1976 की क्लासिक फिल्म मंथन का परिवर्धित संस्करण एक जून को भारत में सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। यह घोषणा फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन ने गुरुवार को की।
मंथन भारत में दूध सहकारी आंदोलन का इतिहास है और सिनेमाघरों में इसकी पुनः रिलीज World milk day के साथ मेल खाती है। इसे भारत के करीब 50 शहरों में 100 सिनेमाघरों में दिखाया जाएगा, जिसमें पीवीआर-आइनॉक्स और सिनेपोलिस जैसी प्रमुख मल्टीप्लेक्स चेन भी शामिल हैं।

स्मिता पाटिल और नसीरुद्दीन शाह अभिनीत इस फिल्म का नया संस्करण हाल ही में 77वें कान फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित किया गया।
फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन के आधिकारिक हैंडल पर कहा गया, “मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई जैसे बड़े महानगरों से लेकर धारवाड़, काकीनाडा, नाडियाड, भटिंडा, पानीपत और कोझिकोड जैसे छोटे शहरों तक के दर्शकों के लिए खूबसूरती से दोबारा बहाल की गई फिल्म देखने का यह एक अविस्मरणीय अवसर है।”
इस फिल्म में गिरीश कर्नाड, मोहन अगाशे, अनंत नाग, अमरीश पुरी और कुलभूषण खरबंदा जैसे बेहतरीन कलाकार भी हैं।

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