तीन आरोपी झारखंड से लेकर आई पुलिस, आठ टीमों ने झोंक दी थी पूरी ताकत
बिलासपुर। नेचर सिटी सकरी के सतीश्री ज्वैलर्स में डकैती की कोशिश व फायरिंग कर दुकान के संचालक को घायल करने के मामले में पुलिस ने झारखंड के तीन आरोपियों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को हमले के बाद फरार आरोपियों के छूटे हुए बैग में मिली गांजे की गंध, नंबर प्लेट से महत्वपूर्ण सुराग मिला।
25 जनवरी की शाम बिलासपुर के मुंगेली रोड मुख्य मार्ग पर स्थित सतीश्री ज्वेलर्स में पांच बदमाश डकैती की नीयत से घुसे थे। दुकानदार ने लुटेरों को दबोचने की कोशिश की तो आरोपी फायरिंग करके फरार हो गये। इसके चलते दुकानदार आलोक सोनी गंभीर रूप से घायल हो गये, जिन्हें इलाज के लिये हैदराबाद ले जाया गया है।
हमारी सरकार और पुलिस विभाग जनता की सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर है। बिलासपुर पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही कर आरोपियों की गिरफ्तारी इसी का उदाहरण है।@CG_Police@PoliceBilaspur https://t.co/bx2bh2YXRO
— Tamradhwaj Sahu (@tamradhwajsahu0) January 30, 2021
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या को कड़ी चौकसी के बीच हुई इस वारदात से शहर के लोग सहम गये थे और पुलिस के लिये यह बड़ी चुनौती थी।
पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में खुलासा किया कि घटना को अंजाम देने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनमें दिनेश बांधेकर (40 वर्ष) तालापारा, राजू साव (39 वर्ष) मगरपारा, मजहर अंसारी (39 वर्ष), जितेन्द्र शर्मा उर्फ छोटू ठाकुर (24 वर्ष) व मो. नजीर (22 वर्ष) रामगढ़ जिले के झारखंड के आरोपी शामिल हैं।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 25 जनवरी की शाम वारदात की गंभीरता को देखते हुए बिलासपुर का सारा पुलिस अमला सक्रिय हो गया। जिले के सभी थानों में चेकिंग प्वाइंट बनाये गये, जीपीएम, मुंगेली व अन्य नजदीकी जिलों में भी पुलिस को सूचना देकर नाकाबंदी कराई गई। घटनास्थल पर फोरेंसिक साइंस एक्सपर्ट व फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट को रात में ही बुला लिया गया, तथा साइबर सेल को भी जिम्मेदारी सौंपी गई। रात में ही जांच टीम की पुलिस कंट्रोल रूम में बैठक कर आगे की योजना बनाई गई। एएसपी उमेश कश्यप व सीएसपी आरएन यादव के साथ आठ अलग-अलग टीम बनाई गई। घटनास्थल और आसपास के करीब 200 सीसीटीवी कैमरों के रिकॉर्ड लिये गये। करीब 700 संदेहियों से पूछताछ की गई जिनमें से 70 लोगों को थाने में बुलाकर अलग से जानकारी जुटाई गई।
घटनास्थल पर लुटेरों का वह बैग झूमा झटकी के दौरान छूट गया था जिसमें वे लूट का माल भरकर ले जाना चाहते थे। बैग में गाड़ी का एक नंबर प्लेट मिला और उससे गांजे की गंध आ रही थी। गांजे की गंध ने पुलिस को चौकन्ना किया। यह अनुमान लगाया कि ऐसा अपराधी जो गांजे का शौकीन भी हो और उसकी तस्करी करता हो लूट में शामिल हो सकता है। पुलिस की शक की सुई दिनेश बांधेकर की तरफ घूमी जो पहले ही करीब एक दर्जन आपराधिक वारदातों में संलग्न रहा है और पुलिस रिकॉर्ड में उसका नाम दर्ज है। पुलिस ने गांजा का खरीददार बनकर उससे सम्पर्क करने का प्रयास किया लेकिन वह चकमा दे गया। इसके बाद पुलिस ने उसके परिचित के जरिये गांजे की खरीदी के बात की। इस बार वह पुलिस के सामने आ गया लेकिन जैसे ही उसे पकड़ा गया उसने आरक्षक विकास यादव, संजीव जांगड़े पर हमला कर वहां से भागने की कोशिश करने लगा। दोनों आरक्षकों को चोट भी आई। एएसआई जितेश सिंह की मदद से उसे दबोच लिया गया। इसके बाद दिनेश से पुलिस ने सारा राज उगलवा लिया और बताया कि जेल में रहने के दौरान उन्होंने डकैती की योजना बनाई थी। पुलिस इसी दौरान झारखंड पहुंच चुकी थी और रामगढ़ के पुलिस अधीक्षक से सहयोग लेकर वहां से तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया। आरोपियों ने बिलासपुर शहर व ग्रामीण क्षेत्र के थानों के अलावा मुंगेली, जांजगीर व बलौदाबाजार जिलों में डकैती व लूट की 20 वारदातों में लिप्त होने की जानकारी दी है। उनसे और भी मामलों में पूछताछ की जा रही है।
आरोपियों से घटना में इस्तेमाल की गई दोनों बाइक, एक कट्टा, दो कारतूस, वारदात के समय पहने कपड़े और खून से सने जूते बरामद किये हैं।
इस कामयाबी पर मुख्यमंत्री कार्यालय, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू और डीजीपी की ओर से बिलासपुर पुलिस की पीठ थपथपाई गई है। पुलिस ने आरोपियों का सुराग देने वालों के लिये 10 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। सराफा एसोसियेशन की ओर से भी अलग से नगद इनाम की घोषणा की गई थी।