बिलासपुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी 29 अप्रैल को बिलासपुर की जनसभा के बाद चकरभाठा एयरपोर्ट के रास्ते पर अचानक सड़क से गुजर रहे किसानों के पास रुक गए। वे उनके परिवार से मिलने घर गए, वहां चाय पी। सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर इसे साझा करते हुए राहुल गांधी ने लिखा है कि एक बार फिर उस हिंदुस्तान से मिला जो नरेंद्र मोदी की प्राथमिकताओं से बहुत दूर है। यह देखकर बड़ी खुशी हुई कि कांग्रेस का मेनिफेस्टो किसानों, आदिवासियों, महिलाओं, युवाओं सबके दिलों को छू रहा है। इंडिया गठबंधन की सरकार हिंदुस्तानियों की सरकार होगी।

 यह आदिवासी समाज के बुधराम का घर था। राहुल गांधी के आने की खबर मिलने पर कुछ और ग्रामीण वहां पहुंच गए थे। बुधराम ने बताया कि उसके खेती की जमीन का कागज नहीं है, जिसके चलते उसे अपना धान बाजार में औने-पौने दाम पर बेचना पड़ता है। राहुल गांधी ने एकत्र लोगों से पूछा कि क्या उन्होंने कांग्रेस का मेनिफेस्टो पढ़ा है? किसानों ने कहा नहीं पढ़ा। एक ने जरूर कहा कि किसानों के बारे में उसमें कुछ है। तब राहुल गांधी ने उन्हें एमएसपी की कानूनी गारंटी, किसानों की कर्ज माफी के बारे में बताया। महिलाओं को उन्होंने महालक्ष्मी योजना की जानकारी दी। बताया कि मनरेगा में 400 रुपये मजदूरी मिलेगी।
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 4 महीने से उन्हें मनरेगा का पैसा नहीं मिला है। दिन भर में डेढ़ सौ, 200 कमाते हैं और हम कहां से एक हजार रुपए में गैस भरवाएंगे। सब चीज महंगी कर दी गई है। महिलाओं ने मांग रखी कि पेयजल के लिए बांध से पानी टंकी और पाइपलाइन चाहिए। वहां मौजूद कुछ किसानों ने बताया कि उनकी खेती की जमीन रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है इसलिए उन्हें खुले बाजार में धान बेचना पड़ता है और एमएसपी पर बड़े किसान ही बेच पा रहे हैं।
राहुल गांधी ने उनसे पूछा कि बीमार होने पर कहां जाते हो। जब लोगों ने बताया कि प्राइवेट अस्पताल जाते हैं तब उन्हें हर गरीब के लिए 25 लाख रुपए के स्वास्थ्य बीमा की जानकारी दी।
बीकॉम फर्स्ट ईयर की छात्रा को राहुल गांधी ने बताया कि हर ग्रेजुएट को एक साल की अप्रेंटिस नौकरी मिलेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उनके साथ थे। उन्होंने कहा कि हमने उनकी सहूलियत के लिए ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के आधार पर एसटी-एससी प्रमाण पत्र बनाने का प्रावधान किया था, जिसे इस सरकार ने बंद कर दिया है।

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