बिलासपुर । अचानकमार अभयारण्य में छोड़ी गई बाघिन एकेटी-16 का रेडियो कॉलर आठ माह की निगरानी के बाद हटा लिया गया है।
इस बाघिन ने सूरजपुर जिले के उड़गी ब्लॉक के कालामंजन जंगल में दो ग्रामीणों पर हमला कर दिया था। दौरान ग्रामीणों ने अपने बचाव के लिए उस पर टंगिये से हमला कर दिया था, जिसके चलते वह घायल हो गई थी। बीते साल 28 मार्च को उसे रेसक्यू कर कानन पेंडारी लाया गया था, फिर जंगल सफारी रायपुर ले जाकर उपचार कराया गया। एक माह तक इलाज के बाद उसे 29 अप्रैल को अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ दिया गया। चूंकि उसने इंसानों पर हमला किया था, इसलिये उसे रेडियो कॉलर लगाकर छोड़ा गया था ताकि उसके प्रत्येक गतिविधि की जानकारी मिलती रहे। बीते आठ महीने में उसने किसी इंसान पर हमला नहीं किया है। इस दौरान उसने करीब 150 किलोमीटर भ्रमण किया है। जब उसे पकड़कर लाया गया था तब वह अत्यंत आक्रामक थी, पर अब उसका व्यवहार सामान्य है। इसे देखते हुए उसका रेडियो कॉलर हटा लिया गया है। रेडियो कॉलर को रिमोट के जरिये हटाया गया है, इसके लिए उसे ट्रेंकूलाइज करने या उसके पास जाने की जरूरत नहीं पड़ी।
इस अवधि में इस टाइग्रेस ने किसी आदमी पर हमला नहीं किया है।
एटीआर के उप संचालक विष्णु नायर के मुताबिक बाघिन कोर इलाके में रच बस गई है। ट्रैप कैमरे से इस पर निगरानी की जाती रहेगी। स्वतंत्र कर दिये जाने के बाद वन विभाग को उम्मीद है कि वह अपना वंश बढ़ाने के लिए भी सक्रिय होगी। अचानकमार टाइगर रिजर्व में इस समय 5 बाघ होने का दावा किया जाता है। मध्यप्रदेश से दो और बाघ लाने का प्रयास भी किया जा रहा है।