एम्स के डॉ. जुनेजा की स्मृति में प्रोजेक्ट प्रारंभ, 6 मरीजों का सफलता पूर्वक वाल्व बदला गया
हार्ट का वाल्व बदलने में गरीबी के कारण असमर्थ मरीजों को रोटरी इंटरनेशनल फाउन्डेशन की ओर से बड़ी मदद मिली है। रोटरी मिड टाउन बिलासपुर की पहल पर फाउन्डेशन ने पहले चरण में 72 हजार डॉलर (लगभग 54 लाख रुपए) की मदद की है, जिससे 40 से 50 मरीजों का पूरी तरह से मुफ्त इलाज कराया जाएगा।
बिलासपुर प्रेस क्लब में रोटरी क्लब के गवर्नर डॉ. निखिलेश त्रिवेदी, जन स्वास्थ्य सहयोग केन्द्र गनियारी के निदेशक डॉ. रमन कटारिया, रोटेरियन डॉ. देवेन्दर सिंह, डॉ. अरुण बालानी व सीए सुरेन्द्र अग्रवाल ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक वाल्व बदलने का सवा लाख रुपए तक आ जाता है। कई मरीजों के दोनों वाल्व भी बदलने पड़ जाते हैं। गरीबों के लिए यह संभव नहीं होता। डॉक्टरी के पेशे से जुड़े डॉक्टरों के सामने कई ऐसे केस आए, जिसमें जांच के दौरान यह पता चला कि गरीब तबके के मरीजों के ह्रदय के वाल्व बदलने की जरूरत है। इनको सहायता पहुंचाई जानी चाहिए। रोटरी क्लब मिडटाउन बिलासपुर की ओर से 17 ऐसे मरीजों का पहले भी इलाज किया जा चुका है। अब फाउन्डेशन की ओर से मिली सहायता से 40 से 50 मरीजों का मुफ्त इलाज हो सकेगा। यह मदद और केस आने पर आगे भी जारी रहेगी।
रोटेरियन डॉ. देवेन्दर सिंह ने बताया कि विगत 18 वर्षों से एम्स, नई दिल्ली के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रजनीश जुनेजा यहां आते थे और हर साल यहां गरीब तबके के हार्ट के मरीजों का इलाज करते थे। दुर्भाग्यवश कुछ समय पहले उनका निधन हो गया। उनकी स्मृति में ही इस प्रोजेक्ट का नाम रखा गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत अभी तक 6 मरीजों का इलाज किया जा चुका है इनमें पांच महिलाएं हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख रुपए गरीब मरीजों के इलाज के लिए देने की बात कही गई है, पर इसमें कई चीजें स्पष्ट नहीं है। रोटरी मिडटाउन खास तौर पर ह्रदय का वाल्व बदलने के लिए यह प्रोजेक्ट चला रहा है, जो आयुष्मान योजना में कवर नहीं होता। जिस दिन सरकारी योजना इस पर भी बन जाएगी, हमें प्रोजेक्ट हाथ में लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इन मरीजों का उपचार जन स्वास्थ्य सहयोग गनियारी अथवा संकल्प चिकित्सालय रायपुर में किया जाएगा।
बहुत बहुत बधाई, टीम के सभी सम्मानित सदस्यों का आभार, बधाई, प्रणाम।