बिलासपुर। अरपा साडा को विघटित करने की ख़बरों के बीच पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर ‘बिना राजनैतिक विद्वेष के लोकहित में उचित निर्णय ’ लेने का अनुरोध किया है।

पूर्व मंत्री ने बघेल को लिखे पत्र में कहा है कि विकास प्राधिकरण की पूरी परियोजना का वे स्वयं परीक्षण करेंगे तो उन्हें विश्वास हो सकेगा कि इसके माध्यम से ही अरपा के वास्तविक स्वरूप को संरक्षित किया जा सकेगा। यह परियोजना क्रियान्वन प्रारंभ होने के अंतिम चरण में है। परियोजना के जरिये नाले नालियों के पानी को नदी के तट पर समानान्तर चैनल के माध्यम से अलग से लाकर उपचारित करना है। प्लानिंग में सड़कों का नेटवर्क है, जिससे भविष्य में ट्रैफिक की समस्या का समाधान होगा। अरपा-भैंसाझार परियोजना में भी अरपा नदी के लिए 24 प्रतिशत पानी रिजर्व रखा जायेगा, जिससे अरपा में बारहों महीने पानी रहेगा। परियोजना से सम्बन्धित मास्टर प्लान भी प्रकाशित हो चुका है, जो सूक्ष्म अध्ययन और विस्तृत सर्वे के बाद तैयार किया गया है। इसमें भविष्य के बिलासपुर की झलक है। परियोजना में रिवर बेड संरक्षण, एम्बैक्मैंट, घाट निर्माण, बैराज, एनिकट, सिटी पार्क, संग्रहालय, 90 फुट सड़क आदि सभी बिन्दु हैं जो बिलासपुर के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।

पूर्व मंत्री अग्रवाल ने कहा कि वे किसी राजनीतिक दल या पार्टी की भावना से हटकर यह पत्र लिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि अरपा क्षेत्र की भूमि बिक्री हेतु अनापत्ति लेने का प्रावधान समाप्त करने का निर्देश आपने दिया है पर अधिकारियों ने आपको इस प्रावधान तथा अनापत्तियों की संख्या की जानकारी नहीं दी। यह प्रावधान केवल छोटे भू स्वामियों के हित संरक्षण के लिए था, जिससे अरपा के किनारे अवैध व अनियमित विकास को रोका जा सके और मास्टर प्लान के अनुसार काम हो। अनापत्ति प्राप्त करने की प्रक्रिया सरल थी और इसकी संख्या वर्ष में 100 से भी कम थी। अग्रवाल ने स्वीकार किया कि 1800 करोड़ की यह परियोजना कई प्रक्रियाओं के चलते अपेक्षित गति नहीं ले पाई लेकिन अनुभवी मुख्यमंत्री के लिए यह समझना मुश्किल नहीं है कि 2000 हेक्टेयर की परियोजना से जुड़े सभी खसरा नंबर का सर्वे, अरपा का 100  साल का फ्लड लेवल, प्लानिंग, डिजाइन आदि में थोड़ा वक्त लगना स्वाभाविक है। शासन से राशि की एकमुश्त उपलब्धता के अभाव में इसे पीपीपी मोड में करने का निर्णय लिया गया था, जिससे शासकीय धन बचता और निजी भागीदारी से वैश्विक संरचना बिलासपुर को मिलती। यह भ्रांति फैलाई गई कि परियोजना से झुग्गियां टूटेंगी और लोग बेघर होंगे। नूतन चौक में प्रधानमंत्री आवास योजना से बने आवासों को देखा जा सकता है कि किस तरह से झुग्गी वासियों को उसी स्थान पर बसाया गया है।

अग्रवाल ने कहा कि बीडीए को पुनर्जीवित कर उसे अरपा परियोजना सौंपे जाने की जानकारी आ रही है पर ऐसा करने से परियोजना का क्रियान्वयन और कठिन हो जायेगा। मंथन सभाकक्ष में कलेक्टर द्वारा बैठक लेने से अरपा संरक्षित नहीं हो पायेगी। नागरिकों में उक्त परियोजना को लेकर कई भ्रांतियां फैलाई गई, इसलिये यह पत्र सार्वजनिक करना उन्हें उचित लगा।

अग्रवाल ने पत्र की प्रतिलिपि आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर को भी भेजी है।

 

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