बिलासपुर। हाईकोर्ट में एक अमेरिकी नागरिक ने पांच करोड़ रुपये मुआवजे की मांग करते हुए याचिका दायर की है। उनका आरोप है कि कोरोना निगेटिव होने के बावजूद हॉस्पिटल प्रबंधन ने होटल में आइसोलेट कर दिया और भारी-भरकम बिल थमा दिया। हाईकोर्ट ने सम्बन्धितों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

याचिकाकर्ता जॉन जोसेफ अंग्लियार अमेरिकी नागरिक हैं। याचिका के मुताबिक वे नवंबर 2019 में अपनी पत्नी व बच्चे को लेकर ससुराल सराईपाली आये। मार्च में लॉकडाउन लगने के कारण वे यहीं फंस गये। अगस्त 2020 में वे अपनी पत्नी का वीजा बढ़वाने के लिये मुम्बई गये। वहां से आने के बाद महासमुंद जिला प्रशासन ने उनका कोरोना टेस्ट लिया और रिपोर्ट पॉजिटिव होने की सूचना दी, लेकिन रिपोर्ट नहीं दी गई। चेकअप के बाद स्थानीय लोगों की सलाह पर वे रामकृष्ण अस्पताल रायपुर में इलाज के लिये पहुंचे। यहां से उन्हें होटल बेबीलोन में आइसोलेट कर दिया गया। अस्पताल में पत्नी और बच्चे की रिपोर्ट निगेटिव आई लेकिन उन्हें भी आइसोलेट कर दिया गया। बाद में बिना रिपोर्ट दिये डिस्चार्ज करते हुए अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें 1 लाख 80 हजार रुपये का बिल थमा दिया। उन्होंने बिल देने से इन्कार कर दिया। एम्स रायपुर में उन्होंने टेस्ट कराया तो रिपोर्ट निगेटिव आई। दूसरी तरफ बिल नहीं के कारण अस्पताल प्रबंधन ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। पुलिस ने उसके खिलाफ महामारी एक्ट के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया।

इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पांच करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है और अस्पताल तथा होटल प्रबंधन के अलावा भारत स्थित अमेरिकी दूतावास को भी पक्षकार बनाया है। हाईकोर्ट ने होटल और अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने कहा है।

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