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कांग्रेस भवन में फिर छिछालेदार, अशोक ने दी शैलेष को चुनौती-देखता हूं कैसे जीतोगे चुनाव

कांग्रेस भवन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक अग्रवाल और शेैलेष पांडेय।

अटल ने भी अपने भाषण में राहुल गांधी और भूपेश बघेल को नहीं बख्शा 

कांग्रेस भवन में चुनाव प्रचार की रणनीति बनाने के लिए आज बुलाई गई पहली ही बैठक में टिकट के लिए दावेदार अशोक अग्रवाल ने प्रत्याशी शैलेष पांडेय के सामने जमकर अपशब्दों करते हुए चेतावनी दे दी कि देखते हैं वे कैसे चुनाव जीतते हैं। वे बैठक छोड़कर कांग्रेस भवन से निकल गए। एक अन्य दावेदार प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव ने भी कह दिया वे राहुल, बघेल की परवाह नहीं करते पर कांग्रेस के सिपाही बने रहेंगे और भाजपा को हर हाल में हराकर रहेंगे।

दोपहर 12 बजे से यह बैठक शुरू होनी थी। कांग्रेसियों की बड़ी भीड़ यहां पहुंच चुकी थी। थोड़ी देर बाद बिलासपुर से कांग्रेस प्रत्याशी शैलेष पांडेय भी वहां पहुंचे। वहां टिकट के एक प्रबल दावेदार रहे छत्तीसगढ़ आवास संघ के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल को देखकर उन्होंने शिकायत की, भैया मैंने आपको कल तीन बार फोन लगाया, आपने उठाया नहीं। बात नहीं करनी है तो बता दो न। शैलेष की बात सुनते ही अशोक अग्रवाल का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कहा कि अनजान नंबरों से फोन करोगे तो मैं क्यों उठाऊंगा। मुझे पता तो होना चाहिए, किसका फोन है। इसके बाद भी उनका गुस्सा थमा नहीं। उन्होंने अपशब्दों का इस्तेमाल भी किया और चेतावनी दी कि देखता हूं चुनाव कैसे जीतोगे। मेरा जोगी (अजीत जोगी) भी नहीं बिगाड़ सके तो तुम क्या बिगाड़ लोगे। अशोक अग्रवाल कांग्रेस भवन तेजी से बाहर निकल आए। घटना के दौरान महिला कांग्रेस की सदस्य भी उपस्थित थीं।

पूरे वाकये में शैलेष पांडेय हाथ जोड़कर अशोक अग्रवाल के सामने खड़े दिखाई दे रहे हैं। अशोक अग्रवाल के निकलने के बाद नरेन्द्र बोलर, नजीरूद्दीन कुरैशी, विजय पांडेय आदि नेताओं ने उन्हें समझा बुझाकर वापस बुलाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं लौटे।

इसके बाद बैठक शुरू हुई। प्रदेश कांग्रेस महामंत्री अटल श्रीवास्तव भी टिकट के प्रबल दावेदार थे। उन्होंने अपने उद्बोधन में टिकट नहीं मिलने को लेकर अपने ही नेताओं के खिलाफ जमकर गुस्सा उतारा। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस में राहुल या बघेल के कारण नहीं बल्कि कांग्रेसी होने की वजह से हैं। लोग कांग्रेस भवन में हुए लाठी चार्ज को लेकर मुझ पर आरोप लगाते हैं कि यह टिकट लेने के लिए प्रायोजित किया गया था। क्या मुझ पर और लाठियां बरसती और जान चली जाती तब यकीन किया जाना था? तब क्या मेरी पत्नी को टिकट देने की योजना थी? मैंने 25 सालों में कांग्रेस के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया। मुकदमे झेले, व्यावसायिक नुकसान सहा। फिर भी मेरी निष्ठा पर संदेह किया जाता है, दुष्प्रचार किया जाता है।

मालूम हो कि कुछ दिन पहले ही टिकट वितरण में शैलेष पांडेय का नाम आने पर अटल के समर्थक कांग्रेसियों ने कांग्रेस भवन में हंगामा किया था और पार्टी नेताओं के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी।

 

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