15 दिनों तक अनेक कार्यक्रमों के जरिये महिलाओं और छात्राओं को दी गई कानून व आत्मरक्षा की जानकारी

बिलासपुर। डॉ सीवी रमन विश्वविद्यालय में महिला उत्पीड़न एवं असमानता पर 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक महिला सुरक्षा जागरूकता एवं उनके अधिकार व कर्तव्यों को लेकर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। विश्वविद्यालय के प्राध्यापक व छात्राएं बड़ी संख्या में शामिल हुए। कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि संस्कार और जागरूकता से ही महिलाओ के साथ हो रहे अपराध और भेदभाव को रोका जा सकता है।

पखवाड़े का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवि प्रकाश दुबे एवं कुलसचिव गौरव शुक्ला ने 25 नवंबर को किया। 26 नवंबर को विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति ने महिलाओं के अधिकार एवं कर्तव्यों पर कार्यशाला रखी। 28 से 30 नवंबर तक महिला उत्पीड़न एवं असमानता पर विषय पर खुली परिचर्चा आयोजित की गई। इसमें विश्वविद्यालय के विधि विभाग, महिला सेल, महिला शिकायत निवारण प्रकोष्ठ एवं आंतरिक शिकायत समिति के सदस्यों ने विचार साझा किए। सभी ने अपनी समस्याओं और विचारों को सबके सामने रखा। एक दिसंबर को केंद्र व राज्य सरकार की नीति एवं उच्च स्तर से जमीनी स्तर तक चलाएं जा रहे महिला उत्थान कार्यक्रमों की जानकारी महिला सेल ने प्रदान की। पांच से 8 दिसंबर तक महिला सुरक्षा एवं आत्म-रक्षा विषय पर कार्यशाला हुई, जिसमें विश्वविद्यालय की महिला एवं छात्राओं को मार्शल आर्ट, जूडो कराटे सहित आत्मरक्षा के कई गुण सिखाए गए।  8 दिसंबर को बिलासपुर पुलिस की महिला सुरक्षा टीम ने अभिव्यक्ति ऐप की जानकारी दी एवं आत्मरक्षा के बारे में  विभाग से उषा किरण पटेल,  शिवानी एवं गौरहा ने जानकारी दी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय में एक जागरूकता रैली भी निकाली गई। 10 दिसंबर को समापन में मुख्य अतिथि  हाईकोर्ट अधिवक्ता सौम्या शर्मा एवं विशिष्ट अतिथि यूनिसेफ की डिस्ट्रिक्ट कोआर्डिनेटर रीमा गांगुली थीं।  सौम्या शर्मा ने सेक्सुअल हैरसमेंट एट वर्कप्लेस एक्ट की जानकारी दी। रीमा गांगुली ने वीमेन एम्पावरमेंट आज की सबसे बड़ी जरुरत विषय पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम की अध्यक्ष्ता समकुलपति डॉ. जयति मित्रा ने की। उन्होंने कहा की महिला जागरूकता कार्यक्रम अधिक से अधिक होने चाहिए। आयोजन की समन्वयक महिला सेल की अध्यक्ष डॉ. नमिता भारद्वाज, संयोजक  वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सह-संयोजक डॉ पुष्पा कश्यप,  आईसीसी हेड डॉ. शांति राठौर, अनुसूचित जनजाति महिला वर्ग प्रमुख किरण तिग्गा, एवं डॉ. गुरप्रीत बग्गा  सहित बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय की महिला स्टाफ एवं छात्राएं शामिल

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