बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ बार कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष प्रभाकर चंदेल की वह याचिका निरस्त कर दी है जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ चकरभाठा थाने में दर्ज एफआईआर को निरस्त कर जांच की अगली कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी।

छत्तीसगढ़ बार कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष प्रभाकर सिंह चंदेल के खिलाफ थाना चकरभाठा में धारा 467, 468, 471, 384, 34  आईपीसी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 3, 7 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इसे लेकर चंदेल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

उक्त प्रकरण को सुनवाई आज वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जस्टिस आर सी एस सामंत की एकल पीठ में  की गई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रफुल्ल भारत द्वारा प्रस्तुत अंतरिम आवेदन का शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अमृतो दास ने, परिवादी के अधिवक्ता अवध त्रिपाठी, राजेश केशरवानी ने एवं राज्य विधिज्ञ परिषद् के अधिवक्ता टी के झा ने पुरजोर विरोध किया । इस सम्बन्ध में उन्होंने उच्चतम न्यायालय द्वारा मेसर्स निहारिका इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड विरुद्ध महाराष्ट्र राज्य में पारित निर्णय के परिप्रेक्ष्य में स्थगन आवेदन को निरस्त करने का निवेदन किया।

सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की ओर से प्रस्तुत अंतरिम आवेदन को निरस्त कर दिया है। उक्त आवेदन निरस्त किये जाने के बाद अब राज्य विधिज्ञ परिषद के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ पुलिस गिरफ्तारी की कार्रवाई के लिये स्वतंत्र है।

ज्ञात हो कि चकरभाठा थाने में चंदेल के खिलाफ बीते मार्च में संतोष पांडेय की ओर से दर्ज एफआईआर दर्ज कराई थी। पांडेय ने आरोप लगाया है कि उनके अधिवक्ता लाइसेंस को रद्द नहीं करने के एवज में चंदेल व अन्य लोगों ने उन्हें धमकाया और रिश्वत की मांग की।

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