बिलासपुर। प्रदेश कांग्रेस के सचिव और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के समर्थक पंकज सिंह के खिलाफ एफआईआर को ‘ऊपर का दबाव’  बताने के विधायक शैलेष पांडे के आरोप का पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार झा ने प्रेस कांफ्रेंस लेकर खंडन किया है।

आज शाम बिलासा गुड़ी में पत्रकारों को उन्होंने खास तौर पर इसी मुद्दे पर बात करने के लिये बुलाया और कहा कि हमें सीसीटीवी फुटेज मिले हैं, जिसकी जांच की जा रही है। सिम्स के रेडियोग्राफर तुलाराम टांडे के साथ पंकज सिंह ने दुर्व्यवहार किया, गाली-गलौच की। टांडे ने कोतवाली थाने में शिकायत की। इसे लेकर अपराध दर्ज किया गया है। मामले की विवेचना चल रही है। पुलिस ने तथ्यों के आधार पर जुर्म दर्ज किया है। विधायक का यह कहना सही नहीं है कि हमने किसी के दबाव में अपराध दर्ज किया। विधायक द्वारा ऊपर के दबाव वाले बयान के कारण पुलिस की छवि पर असर पड़ा है। एसपी ने कहा कि पुलिस की कार्यशैली पर विधायक ने सवाल उठाया है इसलिये उन्हें जवाब देने के लिये सामने आना पड़ा। वे बताना चाहेंगे कि पुलिस राजनीति के साथ नहीं है। किसी भी मामले में हम राजनीति बर्दाश्त नहीं करेंगे न ही किसी को पुलिस को छवि खराब करने देंगे।

उल्लेखनीय है कि आज कोतवाली थाने में विधायक शैलेष पांडे, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के समर्थक पंकज सिंह के साथ पहुंचे थे, जहां पहले से ही उनके समर्थक पंकज सिंह पर एफआईआर दर्ज किये जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। यहां विधायक ने बयान दिया कि पुलिस के अधिकारियों ने उनसे कहा है कि पंकज सिंह के विरुद्ध ऊपर के दबाव की वजह से अपराध दर्ज किया गया है। पुलिस ने पंकज सिंह की गिरफ्तारी से इसलिये मना कर दिया क्योंकि जांच पूरी नहीं हुई है। विधायक को आपत्ति थी कि जब जांच ही नहीं हुई तो एफआईआर कैसे दर्ज हुई।

पंकज सिंह के खिलाफ सिम्स के रेडियोग्राफर ने एफआईआर दर्ज कराई है कि रविवार की रात पंकज सिंह ने उसका कालर पकड़ा, हाथापाई की, जब उनके एक करीबी के एमआरआई में तकनीकी समस्या के कारण विलंब हो रहा था। पंकज सिंह ने कहा है कि जानबूझकर फिल्म नहीं होने का कारण बताकर एमआरआई से मना किया गया, जबकि डॉक्टर ने फोन करने के बाद कहा कि फिल्म की कमी नहीं है। रेडियोग्राफर से विवाद हुआ है पर उन्होंने मारपीट नहीं की है।

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