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दिल्ली से अयोध्या तक भाजपा सरकार, राम मंदिर नहीं बना, गोवंश वध नहीं रुका तो दोषी कौन?-पं. राधेश्याम शास्त्री

पं. राधेश्याम शास्त्री, अयोध्या।

अयोध्या से पहुंचे श्रीमद् भागवत कथा वाचक पं. राधेश्याम शास्त्री का कहना है कि दिल्ली और उत्तरप्रदेश में भाजपा की सरकार है। फैजाबाद-अयोध्या में भी भाजपा के ही सांसद-विधायक हैं। यदि इसके बाद भी अयोध्या में राम मंदिर नहीं बना तो इसके लिए कौन दोषी हो सकता है?

राम जन्मभूमि न्यास के महंत नृत्य गोपाल दास के सहयोगी पं. राधेश्याम शास्त्री इन दिनों बिलासपुर में हैं। वे जाजोदिया परिवार के निमंत्रण पर यहां पहुंचे हैं और श्रीमद् भागवत कथा का प्रवचन दे रहे हैं। आज प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होने करने के लिए पूरा साधु समाज और हिंदू समाज प्रयासरत है लेकिन मामला राजनैतिक पचड़े में फंसा हुआ है। राजनीतिक पार्टियां वोट बैंक की राजनीति के चलते मंदिर निर्माण में अनावश्यक विलंब कर रहे हैं। हमारा समाज इसमें पर्याप्त दबाव बना रहा है और उम्मीद करते हैं कि जल्द ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा। पं. शास्त्री में कहा कि भगवान श्री कृष्ण और गोवंश एक दूसरे के पूरक रहे हैं तथापि देशभर में गोवध का जो सिलसिला चल पड़ा है वह चिंतनीय है। उन्होंने मंदिर निर्माण और गोवंश की रक्षा न करने पर मोदी सरकार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने साफ कहा कि जब केंद्र में भाजपा की सरकार राज्य में भाजपा की सरकार अयोध्या में महापौर विधायक और सांसद सभी भाजपा के हैं तब भी राम मंदिर का निर्माण और गो वध को रोकने का कार्य नहीं हो रहा है तो इसके लिए वहां की सरकारें दोषी हैं।

पं. शास्त्री ने कहा है कि श्रीमद् भागवत गीता और रामायण जैसा साहित्य हमारे भारतीय समाज का दर्पण है। किसी दर्पण से हमें अपने भीतर झांकने का मौका मिलता है और एक स्वच्छ और आदर्श जीवन व्यतीत करने का अवसर भी।

देश देशभर में 500 से भी अधिक स्थानों में श्रीमद् भागवत कथा का वाचन कर चुके शास्त्री ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण को लेकर यह भ्रम पैदा किया जाता है कि वे मर्यादित नहीं थे। वस्तुतः भगवान श्री कृष्ण नारी उत्थान और गरीबों के उद्धार के प्रति अति संवेदनशील थे। नारियों के मान सम्मान को बनाए रखने के लिए ही उन्होंने एक राक्षस राजा की 16000 पत्नियों का वर्णन किया था, उसी प्रकार गरीब उद्धार के लिए उन्होंने अपने महल में सुदामा के चरण छुए थे और उनका स्वागत किया था। पं. शास्त्री ने बताया कि उनका बिलासपुर में यह दूसरा भागवत कथा वाचन का कार्यक्रम है। इसके पहले ले जाजोदिया परिवार की तरफ से ही वर्ष 2003 में भी यहां आए थे। बिलासपुर की धरती भगवान के भक्तों की धरती है और यहां ईश्वर के प्रति लोगों में जबरदस्त आस्था है।

 

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