बिलासपुर। बेलगहना के समीप चाटापारा में अरपा नदी पर बनाया गया एनिकट एक बार फिर टूट गया है। जल संसाधन मंत्री तक पहुंची शिकायत के बाद विधायक शैलेष पांडेय आज इसका निरीक्षण के लिये इंजीनियरों के साथ वहां पहुंचे। उन्होंने मंत्री को रिपोर्ट सौंपने की बात कही है।

चाटापारा में अरपा नदी के ऊपर 8 करोड़ की लागत से तैयार किया गया यह एनिकट 2014 से लेकर अब तक तीन बार टूट चुका है। पहली बार जब टूटा तो इसे हुदहुद तूफान का असर बताया गया। उस समय इस एनिकट को बने एक साल ही हुआ था। जांच के दौरान तूफान के चलते अत्यधिक वर्षा होने और उससे एनिकट टूटने का तर्क गलत साबित हुआ और चार इंजीनियरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और 6 सस्पेंड किये गये। इसकी मरम्मत पर एक करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया गया। हालांकि बाद में सभी अधिकारी बहाल हो गये। एफआईआर दर्ज होने के बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। बारिश के दौरान 24 जुलाई को फिर यह एनिकट ढह गया। इससे पूरा स्ट्रक्चर ढह गया है।

इस बार भी अधिकारियों ने बारिश का बहाना बनाना शुरू किया है। सिंचाई विभाग के अधिकारी कई दिनों तक मौके पर ही नहीं पहुंचे। उनका तर्क था कि कंटेनमेन्ट जोन होने के कारण वे नदी तक नहीं जा पा रहे हैं। जबकि सचाई यह है कि इस इलाके में कंटेनमेन्ट जोन नहीं है। यह सिर्फ शहरी क्षेत्रों में लागू है। बताया जा रहा है कि सिंचाई विभाग फिर इसकी मरम्मत के लिये डेढ़ करोड़ रुपये की स्टिमेट बनाकर शासन को भेज रहा है।

चाटापारा एनिकट निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने विपक्ष में रहते हुए की थी। इस बार एनिकट टूटने की शिकायत जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे को की गई। उन्होंने घटना की जांच का आदेश ईएनसी को दिया है।

विधायक शैलेष पांडेय ने आज जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे के निर्देश पर स्थल का निरीक्षण किया। उनके साथ विभाग के मुख्य अभियंता, ईई, एसडीओ आदि भी थे। कांग्रेस नेता इंजीनियर शैलेन्द्र जायसवाल, दीपांशु श्रीवास्तव, विनय शुक्ला आदि भी इस दौरान उनके साथ थे। निरीक्षण के बाद विधायक पांडेय ने कहा कि शासन की एक बड़ी संपत्ति भ्रष्टाचार की बलि चढ़ गई जिसके कारण किसानों को भी बड़ा नुकसान होगा। इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिये।

आज निरीक्षण के बाद उन्होंने इसकी रिपोर्ट मंत्री रविन्द्र चौबे को आगे की कार्रवाई की मांग करते हुए भेजी है।

 

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