Home अपडेट हाईकोर्ट बार एसोसियेशन अध्यक्ष का चुनाव निरस्त, कोषाध्यक्ष भी हटाये गये

हाईकोर्ट बार एसोसियेशन अध्यक्ष का चुनाव निरस्त, कोषाध्यक्ष भी हटाये गये

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बार एसोसियेशन के अध्यक्ष सी के केशरवानी व अन्य।

चुनाव अपील समिति का फैसला, अध्यक्ष पद पर फिर चुनाव हो, कोषाध्यक्ष त्रिपाठी की जगह श्रीवास्तव होंगे

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बार एसोसियेशन का निर्वाचन मतदाता सूची और उसके प्रकाशन में अनियमितता पाये जाने के कारण निरस्त कर दिया गया है। कोषाध्यक्ष पद पर निर्वाचन को भी अवैध ठहराते हुए दूसरे क्रम के प्रत्याशी को  विजयी घोषित किया गया है।

अधिवक्ता के ए अंसारी, योगेश चंद्र शर्मा और रणबीर सिंह मरहास की अपील कमेटी द्वारा 5 जून को दिये गये इस फैसले से वर्तमान अध्यक्ष सी.के. केशरवानी का निर्वाचन निरस्त हो गया है और उनकी जगह पर नया चुनाव कराया जायेगा। कोषाध्यक्ष पद पर अनिल त्रिपाठी का निर्वाचन रद्द करते हुए उनके स्थान पर पवन श्रीवास्तव को निर्वाचित घोषित किया गया है।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बार एसोसियेशन की 2019-21 की कार्यकारिणी के लिये चुनाव प्रक्रिया 23 सितम्बर 2019 को शुरू की गई थी जिसका परिणाम 16 अक्टूबर को घोषित किया गया। सीके केशरवानी चौथी बार अध्यक्ष पद पर निर्वाचित घोषित किये गये। केशरवानी को अध्यक्ष घोषित किये जाने के विरुद्ध इसी पद के चुनाव में तीसरे स्थान पर रहने वाले अधिवक्ता उत्तम कुमार पांडेय ने अपील समिति के समक्ष अपील दायर की थी। उन्होंने मतदाता सूची में बार-बार फेरबदल करने, अपात्र लोगों को सदस्य बनाकर उन्हें मतदान का अधिकार देने तथा नामांकन दाखिल करने के लिए समान अवसर नहीं देने का आरोप लगाते हुए कई साक्ष्य प्रस्तुत किये थे। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के निर्णयों का उल्लेख करते हुए कहा गया कि मतदाता सूची तैयार करने में पारदर्शिता नहीं बरती गई। नॉन प्रैक्टिशनर एडवोकेट्स को मतदान का अधिकार नहीं होता है पर ऐसे कई लोगों ने मतदान में भाग लिया। अपील समिति ने पांडेय द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों तथा तथ्यों पर विचार करते हुए केशरवानी के निर्वाचन को निरस्त कर दिया है और फिर से चुनाव का आदेश दिया है।

अपील कमेटी के समक्ष कोषाध्यक्ष प्रत्याशी पवन श्रीवास्तव ने आरोप लगाया था कि उन्हें और प्रतिद्वन्द्वी अनिल त्रिपाठी को मतगणना में बराबर मत मिले। इसके बाद एक वोट डाक से पाया जाना बताकर त्रिपाठी को एक वोट से विजयी घोषित कर दिया गया। कुल डाले गये वोट और प्रत्याशियों को मिले वोट में भी 18 वोट का अंतर था, जिसे लेकर की गई अपील का भी निर्वाचन अधिकारी ने निराकरण नहीं किया। यह भी तथ्य रखा गया कि कोषाध्यक्ष पर चुने गये अनिल त्रिपाठी छत्तीसगढ़ बार एसोसियेशन के सदस्य होने की पात्रता नहीं रखते। अपील समिति ने श्रीवास्तव के तर्कों से सहमत होते हुए त्रिपाठी के निर्वाचन को अवैध घोषित किया है साथ ही एक वोट के अंतर से हुई पराजय को देखते हुए श्रीवास्तव को कोषाध्यक्ष पद पर निर्वाचित घोषित किया गया है।

NO COMMENTS