Home अपडेट रेल परिचालन की बारीकियों को समझा सीयू के छात्रों ने

रेल परिचालन की बारीकियों को समझा सीयू के छात्रों ने

ग्रॉफिक्स रेलवे संकेतक।

ओरिएंटेशन प्रोग्राम के तहत मुख्य संकेतक सोलंकी का व्याख्यान

गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय के मानव संसाधन विकास केंद्र में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के मुख्यालय बिलासपुर के मुख्य संकेतक अभियंता एस.के. सोलंकी ने भारतीय रेल तंत्र पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि रेलवे का राजस्व लगभग 2 लाख करोड़ है, जिनमें से बिलासपुर डिवीजन का योगदान 17000 करोड़ है।

उन्होंने यह भी बताया कि एक किलोमीटर के ट्रैक के निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपये की आवश्यकता होती है। उन्होंने रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम की व्याख्या की। सिग्नलिंग रेलवे का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। यह आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रोग्राम किया गया है। सिग्नल देने से पहले कई विशेषताओं की जांच की जाती है। उन्होंने ट्रैक सर्किट और ट्रेन चलाने वाले व्यक्ति की जिम्मेदारियों को भी समझाया।

उन्होंने बताया कि रेलवे में दो प्रकार के सिग्नलिंग सिस्टम हैं, पहले टाइम इंटरवल विधि और दूसरा स्पेस इंटरवल विधि। इसमें से पहला अप्रचलित है। उन्होंने स्वचालित सिग्नलिंग सिस्टम और धुरी काउंटर के काम पर भी चर्चा की। उन्होंने व्यवस्थित निवेश के बारे में चर्चा की।

इसके अलावा उन्होंने पीपीएफ के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि पीपीएफ हर सरकारी कर्मचारी के लिए धीरे-धीरे और तेजी से एक कॉर्पस बनाने का अवसर है। हमें पीपीएफ पर 20 प्रतिशत, म्यूचुअल फंड या भूमि पर 10 प्रतिशत, आयकर  पर 10 प्रतिशत और स्कूलिंग 10 प्रतिशत खर्च कर सिर्फ 50 फीसदी व्यय करना चाहिए। उन्होंने पीपीएफ खाते को खोलने के बारे में भी बात की। उन्होंने हमारे कर मुक्त रिटर्न अर्जित करने और अधिकतम करने के तरीकों की भी व्याख्या की। उन्होंने जीवन सुकन्या के बारे में भी बताया।

22वां ओरिएंटेशन कोर्स  विश्वविद्यालय में 6 अगस्त से चल रहा है, जो 4 सितंबर तक चलेगा। इसमें अब तक ओड़िसा, केरल, मध्यप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल तथा छत्तीसगढ़ से आए 31 विद्वानों के व्याख्यान हो चुके हैं।

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