Home अपडेट तो फिर ठप पड़ जाएगा, 80 लाख बच्चों को टीका लगाने का...

तो फिर ठप पड़ जाएगा, 80 लाख बच्चों को टीका लगाने का अभियान!

आंदोलन पर उतरे प्रदेशभर के अनियमित और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी

संविदा, दैनिक वेतनभागी और कार्यभारित नियुक्तियों पर काम कर रहे सैकड़ों कर्मचारियों ने आज नेहरू चौक के पास प्रदर्शन कर हुंकार भरी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो 6 अगस्त से शुरू होने वाले विश्वव्यापी टीकाकरण अभियान को वे ठप कर देंगे।

इन दिनों 54 विभागों के अस्थायी और अनियमित कर्मचारी आज से एक बैनर तले आंदोलन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ का प्रदेशव्यापी प्रदर्शन आज शुरू हो गया। महासंघ की मांग है कि प्रशासकीय स्वीकृति और बजट के नाम पर उनकी सेवावृद्धि और सेवा से पृथक किए जाने का भय समाप्त कर उनकी सेवा 62 साल तक के लिए सुरक्षित रखी जाए। दो तीन सालों से जिन कर्मचारियों को सेवा से पृथक करके रखा गया है, उन्हें बहाल किया जाए। समस्त विभागों के अनियमित कर्मचारी जिन्हें संविदा, दैनिक वेतन, केन्द्र व राज्य की योजना के अंतर्गत कार्यरत, कलेक्टर दर, मानदेय, प्लेसमेंट, अंशकालिक, जॉब दर, स्थानीय सेवाओं में कार्यरत हैं, उन्हें नियमित किया जाए। सरकारी सेवा में आउट सोर्सिंग बंद कर वर्तमान में काम कर रहे कर्मचारियों को शासकीय सेवक दर्जा दिया जाए और समान कार्य, समान वेतन लागू किया जाए। धरना दे रहे पदाधिकारियों ने बताया कि वे आज से 18 जुलाई तक सभी जिला मुख्यालयों में कलमबंद हड़ताल कर धरना दे रहे हैं। 19 व 20 जुलाई को संभाग मुख्यालय में कामकाज बंद कर धरना दिया जाएगा। 23 व 24 जुलाई को राजधानी रायपुर में मौन रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा, उसके बाद 25 जुलाई से राजधानी रायपुर में बेमियादी हड़ताल की जाएगी।

चेतावनी-ठप कर देंगे, टीकाकरण अभियान, खाद-बीज वितरण

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि 54 विभागों के लोग इस आंदोलन में शामिल हैं। हमारी मांगें नहीं मानी गई तो रुबेल्ला मीजल्स टीकाकरण अभियान वे ठप कर देंगे। यह टीकाकरण अभियान देशव्यापी है, जिसमें छत्तीसगढ़ के 80 लाख बच्चों को टीबी, खसरा, एचआईवी आदि से बचाने के लिए टीका लगाया जाना है। टीकाकरण 6 अगस्त से शुरू होगा। इस समय किसानों के खाद-बीज का वितरण भी दैनिक और अनियमित कर्मचारियों के माध्यम से हो रहा है, जिसे भी वे रोक देंगे। जिला पंचायत से लेकर ग्राम पंचायत तक के काम रुक जाएंगे। कई बार आवेदन देने के बाद भी हमारी सुनवाई नहीं हुई, इसलिए आंदोलन के लिए वे मजबूर हुए।

NO COMMENTS