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सीधे-सच्चे ओला ड्राइवर की जान लेकर 18 साल के सिरफिरे ने परिवार उजाड़ दिया, विरोध में काम बंद किया ड्राइवरों ने

पुलिस की हिरासत में कैब ड्राइवर की हत्या का आरोपी शादाब।

पेट्रोलिंग बल को रात भर नहीं दिखी लाश, सुबह स्थानीय नागरिक ने सूचना दी

बिलासपुर। एक माह पहले ही बालिग हुए युवक ने मामूली विवाद पर ओला कैब ड्राइवर को चाकुओं से छलनी कर मार डाला। भागने के फिराक में रेलवे स्टेशन पहुंचे आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया लेकिन उसकी करतूत से एक हंसता-खेलता परिवार उजड़ गया।
अनिल मौर्य, मृतक।

शुक्रवार 30 अगस्त को बड़ी कोनी के दूजराम यादव ने सुबह टहलते हुए एक लगभग 35 साल के युवक की लाश शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के गेट के सामने देखी। उसके गले में धारदार हथियार से कई जगहों पर चोट थी। उसने तुरंत कोनी थाने में इसकी सूचना दी। पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। शव की शिनाख्ती के दौरान उसकी पहचान तोरवा धान मंडी के पास रहने वाले अनिल मौर्य (32 वर्ष) के रूप में हुई। पता चला कि वह एक सीधा-सच्चा युवक था, उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। 29 अगस्त की रात वह अपनी पत्नी गया श्री को अपोलो हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करा के लौटा था, जो कुछ दिन पहले अस्वस्थ थीं। घर पहुंचने पर उसके पास बुकिंग आई। अक्सर वह रात में नहीं जाता था पर जाग रहा था इसलिये रात 11 बजे वह अपनी कार लेकर निकला। रात को वापस नहीं लौटा। घर के लोगों ने फोन से बात करना चाहा तो स्विच ऑफ मिला।

सड़क किनारे रक्तरंजित लाश मिलने की सूचना पर पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल, एएसपी ओमप्रकाश शर्मा, सीएसपी और बाकी स्टाफ भी सक्रिय हो गया। ओला कैब में कॉल करने वाले नंबर की जानकारी हासिल की गई। वह नंबर फैजल खान के नाम पर मिला। पुलिस ने पहले उसे धर लिया। फैजल ने बताया कि उसके दोस्त शेख यरनाज़ उर्फ शादाब ने फोन लेकर ओला बुक कराया था। पुलिस ने शादाब की तलाश शुरू की। वह घर पर नहीं मिला। संदेह बढ़ा,  बाहर भागने की आशंका पर रेल्वे स्टेशन में घेराबंदी की गई और आरोपी शादाब पकड़ा गया। आरोपी शादाब ने बताया कि उसे गाड़ी चलाने और खरीदने का शौक था, इसलिए ओला बुक कराया। उसने कैब लेकर आने के बाद मृतक मौर्य से बिलासा ताल कोनी चलने के लिए कहा। इस पर मौर्य ने ऐतराज किया क्योंकि बुकिंग अशोक नगर,सरकंडा के लिए की गई थी। शादाब ने विवाद किया और अपने पास रखे बटनदार चाकू से उस पर हमला कर दिया। उसके सीने, पेट और चेहरे पर आरोपी शादाब ने कई वार किये, जिससे मौर्य की मृत्यु हो गई। मौर्य की मौत के बाद आरोपी शादाब ने उसी की कार चलाई और इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने शव को फेंक  दिया। कार को वह अज्ञेयनगर तक ले आया और सूनसान जगह पर छोड़ गया। कार में ही उसने रक्तरंजित चाकू को भी छोड़ दिया।

आरोपी को पहले नाबालिग समझा गया लेकिन उसके सर्टिफिकेट की जांच करने के बाद पाया गया कि वह एक माह पहले बालिग हो चुका है। उसके विरुद्ध धारा 302 के तहत अपराध दर्ज कर किया गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

अनिल मौर्य की पत्नी गयाश्री मौर्य दर्रीघाट में शिक्षिका है। उनके दो बच्चे एक 16 वर्षीय पुत्री खुशी और 8 साल का बालक यश हैं। इस घटना से उनका परिवार बिलख रहा है और बिखर गया है।

इधर ओला कैब ड्राइवरों ने इसे लेकर विरोध प्रदर्शन किया और अपना कामकाज आज बंद रखा। कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर उन्होंने कहा कि उन्हें किसी भी समय कॉल आने पर अपरिचित ग्राहकों को सेवा देनी पड़ती है। इस तरह की घटना उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित करती है।

इस घटना में यह भी गंभीर मसला है कि रतनपुर मार्ग पर आधी रात को लाश फेंक दी गई थी लेकिन पुलिस की पेट्रोलिंग टीम को सुबह तक भी इसका पता नहीं चला। पुलिस ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है कि इस मुख्य मार्ग पर गश्त की ड्यूटी पर कौन थे और वहां पूरी रात लाश कैसे पड़ी रही।

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