प्रस्ताव पारित कराने वाले धीरपाल भी पलट गये

बिलासपुर। कंवर समाज द्वारा जोगी के बहिष्कार के प्रस्ताव के बीच पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी आज शाम गौरेला के समीप जोगीसार गांव पहुंच गये, जहां जमिला बाई कंवर के दशकर्म कार्यक्रम में वे शामिल हुए । जोगी के बारे में प्रस्ताव पारित करने वाले अध्यक्ष भी कल की बैठक में पारित प्रस्ताव को लेकर पलट गये हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री जोगी अपने आपको जोगीसार का होने और वहां रिश्तेदारी होने का दावा करते हैं। उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति ने उनके इस दावे को नहीं माना और उनको जारी अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया। इससे पहले जोगी की ओर से बयान आया था कि उनकी भाई बहू जमिला बाई कंवर का इलाज के दौरान अस्पताल में निधन हो गया। वे जमिला बाई के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए। शोक का कारण बताते हुए उन्होंने हाईपावर जाति छानबीन कमेटी के समक्ष उपस्थित होने में भी असमर्थता जताई। इस बीच कमेटी का फैसला आ गया और कंवर जाति का उनका दावा ख़ारिज कर दिया गया। शुक्रवार को धीरपाल सिंह कंवर का बयान सामने आया, जिनका दावा है कि वे कंवर समाज पेन्ड्रा जमींदारी के अध्यक्ष हैं। उन्होंने बताया कि जमींदारी के गांवों के कंवर समाज की बैठक में निष्कर्ष निकाला है कि जोगी उनकी जाति के नहीं है। यह शासन और कोर्ट के आदेश पर बनी कमेटी से भी तय हो चुका है। अतएव, उन्हें समाज का कोई भी व्यक्ति अपना रिश्तेदार नहीं बताए और उसे किसी पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल नहीं करे। ऐसा करने पर उन्हें सामाजिक दंड भोगना पड़ेगा।

शनिवार दोपहर अमित जोगी बिलासपुर में पत्रकारों को बता चुके थे कि आज शनिवार को जमिला कंवर के दशगात्र में अजीत जोगी शामिल होंगे। रायपुर से निकलकर अजीत जोगी ट्रेन से गौरेला पहुंचे और शाम करीब 6.30 बजे जोगीसार पहुंचे। वहां उनका कंवर समाज के लोगों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर मुलाकात की। शाम 8.30 बजे तक अजीत जोगी वहीं पर थे।

जोगी के ख़िलाफ शुक्रवार की बैठक में प्रस्ताव पारित करने के बारे में आज शनिवार को धीरपाल सिंह ने कुछ पत्रकारों के पूछे जाने पर बताया कि उन्हें कल की बैठक में धोखे से बुलाया गया था और जो लोग बैठक में थे उनके कहने पर ही जोगी को बहिष्कृत करने का प्रस्ताव लाया गया था। यह बैठक राजनीति प्रेरित थी।

 

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