57 टूरिस्ट बसों में आने वाले यात्री और बाहर से लौटे दर्जनों मजदूरों को भी अलग रखा जायेगा

बिलासपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये विदेश, दूसरे प्रदेशों और जिलों से हाल ही में आने वाले बिलासपुर जिले में पहुंचने वाले अनेक लोगों को निगरानी पर रखा गया है और उन्हें घरों से बाहर नहीं निकलने की सख्त हिदायत दी गई है। इनमें से कुछ ने खुद ही प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को अपने प्रवास के बारे में सूचना दी थी।

बृहस्पति बाजार के चिकित्सक डॉ. मनीष बुधिया  के बेटे को बीते 22 मार्च से उसके घर पर ही क्वैरैन्टाइन (संगरोधन) पर रखा गया है। उनका पुत्र अमेरिका में पढ़ाई करता है। भारत लौटने पर मुम्बई एयरपोर्ट, रायपुर एयरपोर्ट और बिलासपुर के सिम्स चिकित्सालय में स्क्रीनिंग की गई। इन परीक्षणों में उसकी सभी रिपोर्ट निगेटिव मिली है। इसके अलावा एक केन्द्रीय गुरु घासीदास विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अंजिला गुप्ता ने दिल्ली से तथा एक हाईकोर्ट की उप-अधिवक्ता हमीदा सिद्दीकी ने अम्बिकापुर से लौटने के बाद अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराया। उनमें भी किसी तरह का कोई लक्षण नहीं मिला पर डॉक्टरों की सलाह पर उन्होंने खुद को घर पर सेल्फ क्वेरेन्टाइन पर रखा हुआ है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार विदेश की यात्रा करके लौटे करीब 10 लोगों को भी सेल्फ क्वैरैन्टाइन में रखा गया है। हाल के दिनों में लगभग 57 टूरिस्ट बसों में लोग भारत-भ्रमण करके आये हैं। इन सभी की सूची जिला प्रशासन को मिल गई है जिन्हें होम क्वैरेन्टाइन में रहने के लिए कहा गया है। जिले में लगभग हजार लोगों को क्वैरैन्टाइन में रखे जाने की तैयारी है।

अनेक लोग गुजरात, पश्चिम बंगाल, दक्षिण भारत के राज्यों व प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर काम करने वाले श्रमिक हैं। बीते रविवार को कोलकाता और अहमदाबाद से खम्हरिया गांव में 35 मजदूरों के वापस लौटने पर ग्रामीणों में भय का माहौल बन गया। उन्होंने प्रशासन को इसकी सूचना दी। सोमवार को प्रशासन के अधिकारी स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ पहुंचे और उन सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कराया। इन सभी को क्वैरैन्टाइन में रहने के लिए कहा गया है। इसी तरह ग्राम सोंठी में केरल, लखनऊ, रायपुर आदि जगहों से 30 से अधिक मजदूर पहुंचे हैं।  इन दोनों जगहों पर ग्रामीणों से भी कहा गया है कि वे शासन के निर्देशों का पालन करते हुए घरों से बाहर न निकलें और लोगों के सम्पर्क में न आएं इसका ध्यान रखें। इन्हें 14 दिन तक किसी से भी मिलने जुलने की मनाही है।

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए कोरोना संदिग्धों के सम्पर्क में आने वालों अथवा बाहर से यात्रा करके शहर पहुंचने वाले सभी लोगों से कलेक्टर डॉ. संजय अलंग ने दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए क्वैरैन्टाइन में रहने की अपील की है। बाहर से आये प्रत्येक व्यक्ति को इसकी सूचना देना तथा क्वैरैन्टाइन में रहना आवश्यक है अन्यथा उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

क्वैरैन्टाइन के दौरान बाहर से आये प्रत्येक व्यक्ति को 14 दिन निगरानी में रखा जाना है। उन्हें अपने निवास पर रहना है और किसी से भी सम्पर्क नहीं करना है। इस अवधि में चिकित्सक उनकी निगरानी भी करेंगे तथा लक्षण मिलने पर जांच की जायेगी।

 

 

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