कोर्ट में खात्मा रिपोर्ट पेश, आर्थिक प्रलोभन देने का नया केस दर्ज

बिलासपुर। रतनपुर की रेप पीड़ित नाबालिग की मां के खिलाफ दर्ज एफआईआर खारिज कर दी गई है। पुलिस ने कोर्ट में इसकी जानकारी दी है। इस बीच यह जानकारी मिली है कि रेप पीड़िता की मां को फंसाने के लिए आरोपियों ने रायपुर के राखी थाने में भी झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की थी।
रायपुर की एक महिला ने जिसका मायका रतनपुर के करैहापारा में है, बीते 19 मई को रतनपुर थाने में अपने 10 साल के बेटे को लेकर थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता महिला ने उसके बेटे के साथ अप्राकृतिक कृत्य किया है और उसके निजी अंगों को चोट पहुंचाई है। पुलिस ने आनन-फानन में एफआईआर दर्ज की और उसी दिन महिला को थाने में पूछताछ के नाम पर बुलाया। थाना पहुंचते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसे कोर्ट में पेश किया गया। नाबालिग से अप्राकृतिक यौनिक कृत्य करने के मामले को संवेदनशील मानते हुए कोर्ट ने आरोपी महिला को जेल भेज दिया। इसके अगले दिन एक वीडियो वायरल हुआ जिससे लोगों को मालूम हुआ कि जिस महिला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है, उसकी बेटी ने कुछ माह पहले रतनपुर के आफताब मोहम्मद के खिलाफ रेप व अपहरण  की एफआईआर दर्ज कराई थी। जिस बालक को पीड़ित बताया गया, आरोपी उसका मामा है। आरोपी का चाचा हकीम मोहम्मद भाजपा का पार्षद है। वीडियो में रेप पीड़िता ने यह भी बताया कि उसे और उसकी मां को बयान बदलने के लिए रेप आरोपी के परिवार की ओर से लगातार धमकी और प्रलोभन दिया जा रहा था। जब वह और उसकी मां तैयार नहीं हुए तो उसके खिलाफ साजिश रची गई और झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई गई। सोशल मीडिया पर रेप पीड़िता का वीडियो वायरल होने के बाद हंगामा मच गया। कुछ हिंदू संगठनों और ब्राह्मण समाज के लोगों ने रतनपुर थाने का उसी दिन घेराव किया और अगले दिन नागरिक संगठनों के साथ आने के बाद रतनपुर बंद किया गया। रतनपुर बंद के पहले ही पुलिस ने रतनपुर के थाना प्रभारी कृष्णकांत सिंह को लाइन अटैच कर दिया। रतनपुर बंद के बाद माहौल और बिगड़ने की आशंका को देखते हुए थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया। साथ ही यह थाना कोटा पुलिस अनुविभाग के अंतर्गत आता है, वहां के एसडीओपी को सिर्फ शो काज नोटिस दी गई। यह बात सामने आई थी कि जिस समय महिला को पूछताछ के बहाने थाने में बुलाकर गिरफ्तार किया गया और रिपोर्ट लिखी गई एसडीओपी सिद्धार्थ बघेल उस समय वहां मौजूद थे।
इधर पुलिस ने रेप पीड़िता से एक आवेदन लिया जिसमें उसने बताया कि उसकी मां को झूठे केस में फंसाया गया है। पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने एडिशनल एसपी राहुल देव शर्मा के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित की, जिसमें दो टीआई भी शामिल किए गए। टीम को जांच में कई महत्वपूर्ण तथ्य मिले जिससे घटना का नहीं होना पाया गया। महिला के जमानत आवेदन पर पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि एफआईआर में दर्ज घटना का नहीं होना पाया गया है। इस आधार पर कोर्ट ने रेप पीड़िता की मां को जमानत दे दी।
दूसरी ओर झूठी रिपोर्ट का मास्टर माइंट भाजपा का पार्षद हकीम मोहम्मद था। उसने पार्षदों के बीच एक हस्ताक्षर अभियान चलाकर आफताब मोहम्मद के पाक-साफ और नेक इंसान होने का सर्टिफिकेट भी तैयार कराया था, जिसके आधार पर जेल में बंद आरोपी को छुड़ाने की कोशिश की जानी थी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने रतनपुर जाकर पीड़ित रेप पीड़िता और उसकी मां से मुलाकात की, भाजपा पार्षदों को हस्ताक्षर अभियान चलाने के लिए फटकार लगाई और पार्षद हकीम मोहम्मद को भाजपा से निष्कासित कर दिया।
अब एक नई विस्तृत रिपोर्ट न्यायालय में पुलिस की ओर से 12 जून को पेश की गई है, जिसमें बताया गया है कि रेप पीड़िता की मां को आर्थिक प्रलोभन दिया गया था। उसके खिलाफ रायपुर के राखी थाने में एक झूठी एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की गई थी। आर्थिक प्रलोभन देने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। न्यायालय में पेश की गई खारिज रिपोर्ट मंजूर होने के बाद केस खत्म हो जाएगा।

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