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झारखंड के चोर गिरोह से सात लाख के मोबाइल फोन बरामद, ट्रेनिंग देकर बच्चों का करते थे इस्तेमाल, सात पकड़े गए

मोबाइल फोन चोरी के आरोपियों के बारे में बताते हुए एएसपी ओपी शर्मा व अन्य अधिकारी।

बिलासपुर। पुलिस ने बृहस्पति सब्जी बाजार से एक ऐसे चोर गिरोह को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है जो दुकानों में सामान खरीदने के बहाने से पहुंचते थे और बच्चों से मोबाइल फोन की चोरी कराते थे। पहचान छुपाने के लिए वे कई शर्ट एक के ऊपर एक पहनते थे और वारदात के समय पहने गये शर्ट को उतार लेते थे। यह गिरोह बिलासपुर के अलावा जांजगीर-चाम्पा जिले में भी सक्रिय था।

ये सभी आरोपी झारखंड के साहिबगंज जिले के महाराजपुर के निवासी है। आरोपी राजेश चौधरी पिता रूपनारायण उम्र 26 साल निवासी महाराजपुर साहिबगंज अपने साथियों के साथ झारखंड से आकर चांपा एवं कोरबा में किराए का मकान लेकर कुछ दिन तक अलग-अलग क्षेत्र मे रहता था। वह  बिलासपुर रायगढ़ कोरबा एवं जांजगीर चांपा की रैकी कर शहर के सब्जी बाजार, फल बाजार, कपड़ा बाजार जैसे सघन क्षेत्रों को टारगेट करते थे, कभी-कभी घटना कर चांपा बिलासपुर खरसिया रायगढ़ स्टेशन पर रुका करते थे।

इनके साथ चार छोटे बच्चे भी हैं जो सब्जी एवं फल खरीदने वाले लोगों की दुकानों में पहुंचते थे। वे झोला, कपड़ा या अखबार को कवर कर सफाई से मोबाइल पार कर देते थे। कई बार पॉकेटमारी करते थे। मोबाइल चुराते ही अपने पास में खड़े दूसरे साथी को चोरी का मोबाइल फोन देकर हट जाते थे और तुरंत कपड़ा बदल लेते थे। वे वहां से सीधे स्टेशन पहुंचते थे। रेलवे स्टेशन में फिर कपड़ा बदल कर अपनी पहचान छुपा कर भाग जाया करते थे। घटना के समय बच्चे एवं आरोपी दो-तीन कपड़े अपने अंदर ही पहना करते थे

घटना के समय बच्चों का उपयोग किये जाने वाले बच्चों को प्रत्येक टूर पर 15 हजार रुपये दिये जाते थे। मुख्य सरगना सूरज मंडल और दिलीप चौधरी अपने गिरोह के सदस्यों को पहले प्रशिक्षित करते थे, फिर वारदात करने के लिए लाते थे।

पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल द्वारा चोरी की वारदात में अंकुश लगाने सतत् शतक पेट्रोलिंग एवं निगरानी के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओपी शर्मा को निर्देशित किया गया था। शर्मा ने ने शहर के सभी राजपत्रित अधिकारियों एवं सभी थाना प्रभारियों को उक्त संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे।

नगर पुलिस अधीक्षक सिविल लाइन आरएन यादव के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी सिविल लाइन कलीम खान ने सिविल लाइन पुलिस की अलग-अलग टीम गठित कर शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में पेट्रोलिंग एवं निगरानी के लिए रवाना किया था। इस बीच सिविल लाइन की एक टीम को सुबह-सुबह सूचना मिली कि बृहस्पति बाजार के पास संदेही बच्चे एवं युवक संदिग्ध रूप से घूमते दिख रहे हैं। हुलिये के आधार पर दो बच्चे एवं संदेही युवक को पकड़ा गया। उनसे कड़ाई से पूछताछ की गई। मौके पर ही उन्होंने मोबाइल को चोरी करना कबूल कर लिया। अपने अन्य साथियों को बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर होना बताया। तुरंत अन्य आरोपियों की के लिए एक टीम रेलवे स्टेशन बिलासपुर रवाना की गई। बृहस्पति बाजार के पास पकड़े गए आरोपी सूरज मंडल की निशानदेही पर दूसरे ग्रुप के सरगना दिलीप चौधरी सहित एक अन्य आरोपी सहित चार विधि संघर्ष बालकों को घेराबंदी करके पकड़ लिया गया।

पकड़े गए सभी 7 लोगों से थाने एवं बाल हितेषी कक्ष में पृथक-पृथक पूछताछ की गई। आरोपियों ने सब्जी बाजार सहित फल बाजार, कपड़ा बाजार, जैसे सघन क्षेत्रों में बिलासपुर के अलावा रायगढ़, कोरबा एवं जांजगीर चांपा से चोरी करना स्वीकार किया।

आरोपियों के कब्जे से मौके पर एवं जांजगीर पुलिस के सहयोग से 19 मोबाइल फोन बरामद किये गए। उनके पास से कुल 37 मोबाइल मिले जिनकी कीमत लगभग सात लाख रुपये है।

कुल सात आरोपियों को सिविल लाइन बिलासपुर द्वारा हिरासत में लिया गया, जिन्हें किशोर बोर्ड न्यायालय एवं न्यायालय में पेश किया गया।

कार्रवाई की टीम में थाना प्रभारी कलीम खान, उप निरीक्षक रविंद्र यादव, प्रधान आरक्षक शोभित केवट, अशोक कश्यप, मनोज राजपूत, आरक्षक अविनाश पांडे, दीपक उपाध्याय, तरुण केशरवानी, जय साहू, गोविंद शर्मा, विवेक राय, मनोज बघेल, संजीव जांगड़े, सतवीर सिंह और बिजेंद्र रात्रे शामिल थे। जांजगीर पुलिस निरीक्षक राजेश चौधरी और प्रधान आरक्षक मनोज तिग्गा का इस कार्रवाई में विशेष योगदान रहा।

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