बिलासपुर। केन्द्रीय गुरु घासीदास विश्वविद्यालय की लॉ गोल्ड मेडलिस्ट छात्रा रामेश्वरी राव मराठा  मिल गई है। उसे झांसी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतार लिया गया है। रामेश्वरी उनमें शामिल थीं, जिनमें राष्ट्रपति के हाथों सिर्फ 10 लोगों को मेडल दिये जाने को लेकर रोष था।


29 फरवरी को गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय में अष्ठम दीक्षांत समारोह का रिहर्सल हुआ था। इसमें गोल्ड मेडलिस्ट रामेश्वरी राव मराठा भी गई थी। शाम चार बजे उसने फोन पर परिजनों को बताया कि वह नेहरू चौक पहुंच चुकी है और कुछ देर बाद घर पहुंच रही है। इसके बाद 5.30 बजे तक घर नहीं पहुंचने पर परिवार के लोग परेशान हुए। उसका फोन पहले तो कट गया, बाद में बंद मिला। परिजनों ने अपनी ओर से भी तलाशी शुरू की और सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करा दी। बिलासपुर पुलिस ने इसके बाद साइबर सेल को तो सक्रिय किया ही, रेलवे पुलिस और आसपास के जिलों में भी सूचना भेज दी। इन कोशिशों के चलते उत्तरप्रदेश की झांसी रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन में सफर करते हुए छात्रा रामेश्वरी को रेलवे पुलिस ने बरामद कर लिया। उसे वहां उतार लिया गया। अब उसे बिलासपुर लाया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने इसकी जानकारी दी है।

ज्ञात हो कि प्रोटोकॉल के निर्देशों के मुताबिक दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति के हाथों केवल 10 स्वर्ण पदक प्राप्त छात्र-छात्राओं को मेडल दिये जायेंगे, जबकि इनकी कुल संख्या 74 है। इसे लेकर विश्वविद्यालय में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था। इनमें रामेश्वरी के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है। कुलपति प्रो. अंजिला गुप्ता ने भी कहा था कि हमें भी अफसोस है कि सभी गोल्ड मेडल धारकों को राष्ट्रपति के हाथों मेडल नहीं मिल पा रहा है, पर यही निर्देश है।

छात्रा रामेश्वरी के बिलासपुर पहुंचने और उसका बयान दर्ज होने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि किन परिस्थितियों में वह घर न जाकर ट्रेन से झांसी पहुंच गई। छात्रा को बिलासपुर के लिए रवाना किया गया है, सोमवार की सुबह उसके बिलासपुर पहुंचने की संभावना है।

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