बिलासपुर। छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण ट्रैकर एप डाउनलोड करने की बाध्यता पर रोक लगा दी है।
छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की अध्यक्ष भारती मिश्रा ने वकील शशिभूषण पाण्डेय के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि महिला एवं बाल विकास विभाग ने मॉनिटरिंग के लिए एप बनाया है। इसका नाम पोषण ट्रैकर एप रखा गया है। एप बनाने के बाद एक आदेश जारी कर प्रदेशभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को इस एप को एंड्रायड मोबाइल में डाउनलोड करने और इसमें सभी जानकारी प्रतिदिन अपलोड करने के लिए निर्देश जारी किए हैं। याचिकाकर्ता ने बताया कि नेटवर्किंग समस्या के कारण दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में पदस्थ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका एप को डाउनलोड नहीं कर पा रहे हैं या एप डाउनलोड नहीं हो रहा है। इसकी जानकारी देने के बाद भी विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। उल्टे एक और आदेश जारी कर दिया। इसमें हिदायत दी गई कि पोषण ट्रैकर एप डाउनलोड न करने वाली सहायिका व कार्यकर्ता को वेतन का भुगतान नहीं किया जाएगा। विभाग के इस आदेश से सहायिका व कार्यकर्ता काफी परेशान हैं। याचिकाकर्ता ने बताया कि विभाग के समक्ष उन्होंने वकील के माध्यम से अभ्यावेदन भी पेश किया था। अभ्यावेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जारी आदेश पर रोक लगा दी है। इधर जानकारी मिली है कि महिला बाल विकास विभाग ने भी हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस बारे में जारी किये गये अपने आदेश को वापस ले लिया है।