करगीरोड-कोटा। (रामनारायण यादव-7024705011) पिछले छह माह से पॉलीथीन से चारों ओर ढक कर ठंड की ठिठुरन में गुजर-बसर कर रहे बुजुर्ग दंपती को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिम्मेदार अनजान बने हुए हैं और गरीबों की हितैषी सरकार के जवाबदार अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

कोटा विकासखंड के ग्राम पंचायत करवा के आश्रित ग्राम कटेली पारा में रतिराम बैगा और उनकी पत्नी श्याम बाई बैगा का मकान बारिश में डह गया है। इसमें रतिराम व श्याम बाई दब गए थे जिसे कुछ लोगों की मदद से बाहर निकाला गया। श्याम बाई के हाथ और कमर में चोटें आई थीं जिसका सिम्स में उपचार कराया गया। श्यामबाई को सही ढंग से उपचार नही मिल पाने की वजह से आज भी उसे स्वास्थ्य की तकलीफ बनी हुई है।

सिम्स से छुट्टी होने के बाद आर्थिक स्थिति से कमजोर होने की वजह से बुजुर्ग महिला के हाथ की ऊंगलियां पक चुकी है। साथ ही एक पैर भी सही तरीके से काम नहीं कर रहा है। कमजोरी की वजह से ये बुजुर्ग रोजी मजदूरी नहीं कर पा रहे हैं और घर चलाना भी मुशकिल हो गया है। वहीं रतिराम को भी अब कम दिखाई देने लगा है। सोसायटी से मिलने वाले चावल में से कुछ बेचकर पेट भरने के लिए दूसरा सामान लेकर अपना गुजर कर रहे हैं। वृद्ध परिवार एक दूसरे की देखभाल कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। ये बैगा बुजुर्ग दंपती पॉलीथिन से बनी झोपड़ी में सर्द हवाओं और बरसते पानी के बीच जीवन काटने को मजबूर हैं।

बुजुर्ग दंपत्ति की स्थिति की जानकारी लेने और मानवता के नाते मदद करने कोटा से कुछ समाजसेवी हेमा भावसागर बैगा दंपती से मिलने कटेलीपारा पहुंचे। दंपती को ठिठुरन भरी ठंड में बचाव के लिए गर्म कपड़े एवं उनके लिए माह भर की राशन सामग्री देकर उनकी मदद की। उनसे बात की, उनका हाल जाना। भले ही कुछ ही समय की व्यवस्था की, पर यह काफी सराहनीय है ।

जिम्मेदार अधिकारियों ने आज तक इनकी सुध नहीं ली

मकान ढहने के बाद पटवारी वीरेंद्र सिंह  ने नाप-जोख की, प्रकरण बनाया लेकिन फिर दुबारा न तो वहां गये और न ही उन्हें कुछ मुआवजा दिया। सरपंच, सचिव तक ने इनकी आज तक सुध नहीं ली। सरकार की महत्वपूर्ण योजना आवास और पेंशन का लाभ भी इन्हें नहीं मिल पा रहा है। इतनी सबकी जानकारी होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों नें भी इनकी सुध नहीं ली ।

 

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