जूनियर अधिवक्ताओं की मदद के लिए पहले से ही दायर याचिका के समर्थन में बार एसोसियेशन की भी याचिका

बिलासपुर। लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे जूनियर अधिवक्ताओं की मदद के लिये दायर याचिका के समर्थन में तीन हस्तक्षेप याचिका आज हाईकोर्ट में लगाई गई है। 16 अप्रैल को हाईकोर्ट अधिवक्ता रजिस्टर्ड क्लर्क व फोटो कॉपी संचालकों की ओर दो हस्तक्षेप याचिकाएं दायर की गई।

इसमें अधिवक्ता संदीप दुबे की ओर से दायर हस्तक्षेप याचिका में मांग की गई है कोरोना महामारी के संकट में उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है इसके लिए राज्य सरकार से राशन और आर्थिक सहयोग मुहैया कराई जाये। एक तीसरी हस्तक्षेप याचिका हाईकोर्ट बार एसोसियेशन ने भी अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव के माध्यम से दायर किया है जिसमें अधिवक्ता संदीप दुबे द्वारा फाइल की गई याचिका का समर्थन किया गया है। सभी याचिकाएं कोर्ट का सामान्य कामकाज बंद होने के कारण ऑनलाइन दायर की गई है।

उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता राजेश केशरवानी ने अधिवक्ता संदीप दुबे के माध्यम से हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 कोरोना महामारी के कारण देश सहित छत्तीसगढ़ में 25 मार्च से लॉक डाउन किया गया है। इसी तारतम्य में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा 25 मार्च से नोटिफिकेशन जारी करके प्रदेश के सभी न्यायालय, उच्च न्यायालय सहित जिला न्यायालय, तहसील न्यायालय, सभी राजस्व न्यायालय तथा विभिन्न प्रकार के अभिकरणों को बंद करने का आदेश दिया गया है। इसके कारण जूनियर अधिवक्ता जिनकी प्रैक्टिस 7 वर्ष से कम है उनके समक्ष रोजी रोटी की संकट उत्पन्न हो गई है।

ऐसे समय में छत्तीसगढ़ विधिक परिषद एवं अधिवक्ता कल्याण अधिनियम के तहत गठित समिति, जिसमें राज्य सरकार भी सम्मिलित है, एवं अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा छह के तहत यह उपबंध किया गया है कि जरूरत के समय पर राज्य विधिक परिषद् जरूरतमंद वकीलों, विकलांग वकीलों को वित्तीय सहायता सहित सभी तरह की मदद करेगी। अतएव, उच्च न्यायालय राज्य अधिवक्ता परिषद को निर्देश दे कि वह गाइडलाइन तैयार कर उन अधिवक्ताओं की मदद करे, जिनकी प्रैक्टिस 7 वर्ष से कम हो। इसे लेकर एक समिति का भी गठन शीघ्र किया जाए ताकि जूनियर अधिवक्ताओं क्लर्क एवं उनसे जुड़े लोगों को वित्तीय मदद प्राप्त हो।

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