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झाड़ फूंक के नाम पर गर्म त्रिशूल से दर्जनों बार दागा, मानसिक रोगी की संक्रमण फैलने से मौत

रतनपुर में बैगा के इलाज से मौत।

बिलासपुर। झाड़-फूंक कर प्रेत भगाने के नाम पर एक मानसिक दिव्यांग युवक के शरीर पर जगह-जगह गर्म त्रिशूल दाग दिया गया। युवक के शरीर में इन्फेक्शन फैल गया लेकिन घर वालों ने डॉक्टरों को नहीं दिखाया। आखिर चार दिन बाद उसकी मौत हो गई। परिजन पुलिस को सूचना दिए बिना उसका अंतिम संस्कार कर रहे थे लेकिन सरपंच से जानकारी मिलने पर पुलिस ने शव कब्जे में लिया और एफआईआर दर्ज की।

घटना रतनपुर थाने के ग्राम पोड़ी की है। यहां के टेकूराम निर्मलकर (35 वर्ष) की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। मल्हार चौकी के जुनवानी ग्राम में उसका एक रिश्तेदार लीला रजक झाड़-फूंक से रोगियों को ठीक करने का दावा करता था। उन्होंने टेकूराम के परिवार को अपने पास लेकर आने के लिए कहा। टेकूराम की पत्नी उसे लेकर 23 अक्टूबर को जुनवानी पहुंची। वहां बैगा लीला रजक एक कमरे में बंद कर इलाज करता था। उसने रोगी टेकूराम के शरीर पर जगह-जगह गर्म त्रिशूल दागे। चार दिन बाद उसने मृतक की पत्नी को उसे वापस ले जाने कह दिया। बैगा ने दावा किया कि त्रिशूल दागने से टेकूराम के भीतर जो प्रेत का साया है वह भाग चुका है। वह कुछ दिनों में पूरी तरह स्वस्थ हो जाएगा। टेकूराम को परिवार के लोग घर लेकर आ गए। यहां उसकी तबीयत सुधरने के बजाय और खराब होने लगी। इसके बावजूद परिवार के लोग उसे डॉक्टरों के पास लेकर नहीं गए। आखिर 4 दिन बाद पूरे शरीर में इंफेक्शन फैल जाने के कारण उसकी मृत्यु हो गई। मौत के बाद परिवार उसके शव को अंतिम संस्कार के लिए सीधे श्मशान घाट ले जाने लगे। इसकी जानकारी सरपंच को मिली तो उन्होंने पुलिस को सूचित कर दिया। रतनपुर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम कराया। पुलिस ने एफआईआर शून्य में दर्ज कर मामला मल्हार पुलिस को आगे की जांच के लिए सौंप दिया।

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