बिलासपुर। सकरी के युवा इंजीनियर को पताड़ित कर आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोपी फरार सरपंच, पार्षद और व्यवसायी को पुलिस ने आज सुबह उनके घरों से गिरफ्तार कर लिया।
ऋषभ निगम।

सकरी के आसमां सिटी के निवासी इलेक्ट्रॉनिक दुकान के संचालक इंजीनियर ऋषभ निगम ने 16 सितंबर को अपने घर में जहर खा लिया था। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृत्यु पूर्व इंजीनियर ने एसएसपी को संबोधित 6 पेज का एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें अपनी जान देने के लिए हाफा के सरपंच संदीप मिश्रा, सकरी के पार्षद अमित भारते और व्यवसायी जितेंद्र कुमार को जिम्मेदार ठहराया था। पुलिस ने तीनों के खिलाफ कर्जा एक्ट और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में अपराध दर्ज किया। आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने के कारण पुलिस पर सवाल खड़ा हो रहा था। मृतक की पत्नी श्रुति ने भी आरोप लगाया था कि आरोपियों के शहर में मौजूद होने के बावजूद पुलिस उनकी गिरफ्तारी नहीं कर रही है। पुलिस सभी आरोपियों को फरार बता रही थी। आज घटना के करीब डेढ़ माह बाद सभी को उनके घरों से ही गिरफ्तार कर लिया गया।

सुसाइड नोट में मृतक ने बताया था कि जितेंद्र मिश्रा से उसने चार लाख रुपये उधार लिए थे। इसके एवज में जितेंद्र हर सप्ताह 40 हजार रुपये ब्याज वसूल करता था। बिलासपुर नगर निगम वार्ड क्रमांक 1 का पार्षद अमित भारते से भी उसने पहले 3 लाख रुपये फिर एक लाख रुपये उधार लिए। 3 लाख का वह प्रतिमाह 10 प्रतिशत ब्याज लेता था और 1 लाख रुपये का प्रत्येक सप्ताह 10 प्रतिशत ब्याज लेता था। इन तीनों की ब्याज वसूली से परेशान होकर उसने अपनी पत्नी के गहनों को एक गोल्ड लोन कंपनी में गिरवी रख चुका था। तीनों सूदखोरों को उसने महंगी घड़ी और इलेक्ट्रॉनिक सामान भी फाइनेंस के जरिये दिलाया था। आरोपियों ने मृतक की कार को भी जब्त करके अपने पास रख लिया था।

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