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‘हर साल 30-40 बोर फेल हो रहे, पांच साल में 500 बोर फेल होने की आशंका, अमृत मिशन योजना का भविष्य निश्चित नहीं’

शहर के गिरते जलस्तर पर सदन में गहरी चिंता जताई विधायक शैलेष पांडेय ने

बिलासपुर । नगर विधायक शैलेश पांडे ने विधानसभा में शून्यकाल के दौरान बिलासपुर शहर की पानी की समस्या को सदन में रखा। उन्होंने सवाल उठाया कि जब जल आवर्धन योजना पूरी हो चुकी है तो शहर में 500 पावर पम्पों के जरिये क्यों पानी की सप्लाई की जा रही है।

विधायक ने कहा कि शहर की जलापूर्ति 500 बोर से पावर पंप के द्वारा और 20 ओवरहेड टैंक से होती है।  लगभग 80 करोड की जल आवर्धन योजना जो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा बनाई गई है।  इस योजना के पूर्ण होने पर 500 बोर्ड पावर पंप को बंद किया जाना था। यदि जल आवर्धन परियोजना पूर्ण हो चुकी तो 500 पावर पंप क्यों चल रहे हैं। शहर में हर वर्ष 30 से 40 बोर पावर पंपों का खनन किया जा रहा है । ये 500 बोर लगभग 10 से 15 वर्ष में पूर्व किये गए हैं । उस वक्त बिलासपुर का भूजल स्तर 60 फीट था और बोर की गहराई 100 फीट की गई थी । हर साल भू जलस्तर गिरने से बिलासपुर में जल स्तर 100 फीट से ज्यादा से नीचे जा चुका है।  हर वर्ष 30 से 40 बोर फेल हो रहे हैं। इस स्थिति में अगले 5 वर्षों में घटते जलस्तर से लगभग सभी 500 बोर बंद हो सकते हैं । तब जलापूर्ति कैसे होगी?  अमृत मिशन के तहत खूंटाघाट से पानी की आपूर्ति की जानी है परंतु जब तक अहिरन नदी से खूंटाघाट को नहीं जोड़ा जाएगा जलापूर्ति संभव नहीं है । जल आवर्धन 80 करोड़ की योजना है और अमृत मिशन 350 करोड़ की। इन दोनों का भविष्य निश्चित नहीं है । आने वाले वर्षों में भीषण जलस्तर आने वाला है । अप्रैल-मई माह में बोर फेल होने से कई वार्ड में गंभीर जल संकट हो जाता है और नगर निगम जल आपूर्ति करने में सफल नहीं हो पाता जिससे लोगों के बीच टैंकर के जल को लेकर जमकर विवाद की स्थिति बनती है।

 

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