बिलासपुर। सूरत के एक कोचिंग सेंटर में आग लगने से 20 से अधिक बच्चों की मौत के बाद नगर-निगम प्रशासन की नींद भी खुली।  सोमवार को शहर के 14 कोचिंग सेंटर में नगर निगम की टीम ने छापा मारने के बाद पाया कि किसी भी सेंटर में फायर सेफ्टी का इंतजाम नहीं किया गया है। इन्हें नगर निगम ने पांच दिनों का अल्टीमेटम दिया है।

सूरत की कोंचंग सेंटर में हुए हादसे को देखते हुए निगम कमिश्नर प्रभाकर पाण्डेय ने निगम क्षेत्र के व्यावसायिक काम्प्लेक्स, मॉल, सिनेमा घर, कोंचिग सेंटर, हॉस्टल, बहुमंजिला इमारत व बड़े आवासीय भवनों में अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्था जांच करने के लिए समिति गठित की है। समिति का अध्यक्ष अधीक्षण अभियंता जीएस ताम्रकार को बनाया गया है। सहायक अभियंता गोपाल ठाकुर को सदस्य सचिव, उपायुक्त मिथलेश अवस्थी, सहायक अभियंता सोमशेखर विश्वकर्मा व उपअभियंता जुगल किशोर को समिति का सदस्य बनाया गया है।

टीम को तीन दिनों के भीतर शहर के कोचिंग सेंटर, व्यावसायिक संस्थानों व भवनों की जांच कर तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है। टीम ने आज गांधी चौक स्थित 14 कोचिंग सेंटरों में जांच की । इसमें राव टयूटोरियल्स, रामदेव केमेस्ट्री क्लासेस, मोमेटन क्लासेस, ओम एकेडमी, कम्प्यूटर एजुकेशन एंड ट्रेनिंग सेंटर, केरियर प्लानेट, जायसवाल क्लासेस, कल्पवृक्ष ट्यूटोरियल्स, सरस्वती क्लासेस, छत्तीसगढ़ जोन, आर्या कोचिंग व प्रकाश मैथ्स स्टडी शामिल हैं। इन कोचिंग सेंटरों में अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्था नहीं मिली। सभी संस्थानों को पांच दिनों के भीतर संस्थानों में अग्निशमन सुरक्षा लगाने के निर्देश दिए गए। निर्देश के बाद भी अग्निशमन सुरक्षा नहीं लगाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
टीम द्वारा आगामी तीन दिनों तक शहर के सभी व्यावसायिक काम्प्लेक्स, मॉल, सिनेमा घर, कोंचिग सेंटर, हॉस्टल, बहुमंजिला इमारत व बड़े आवासीय भवनों में अग्निशमन सुरक्षा की जांच की जाएगी। इसके बाद टीम कमिश्नर पाण्डेय को रिपोर्ट सौंपेगी। संस्थानों को दिए गए समय पर अग्निशमन सुरक्षा नहीं लगाने पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कमिश्नर पाण्डेय ने कही है।

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