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हजारों करोड़ का राजस्व देने वाला बिलासपुर हवाई सेवा से वंचित क्यों?, धरने में उठा सवाल

बिलासपुर से हवाई सेवा शुरू करने के लिए चल रहे आंदोलन में शामिल होने के लिए जुटे शहर के लोग।

अखंड धरना आंदोलन नौवे दिन भी जारी रहा

बिलासपुर। चकरभाठा हवाईअड्डे से हवाई सेवा शुरू करने के लिए सर्वदलीय अखंड धरना आंदोलन रविवार को नौवे दिन भी जारी रहा। राजपूत छत्रिय समाज के प्रतिनिधि इस आंदोलन में प्रमुख रूप से शामिल हुए, जिसमें उन्होंने कहा कि रेलवे जोन और एसईसीएल के जरिये हर साल हजारों रुपये केन्द्र सरकार को कमाई देने वाले बिलासपुर को हवाई सेवा से वंचित रखना अन्याय की पराकाष्ठा है।

गौरतलब है कि नौ दिन के अंदर ही इस जल कल्याणकारी मांग के लिए व्यापक समर्थन मिल रहा है। विभिन्न सामाजिक संगठन स्वयं होकर आंदोलन में भागीदारी करने के लिए आगे आ रहे हैं। इसी कड़ी में कल चार नवम्बर को तखतपुर नागरिक मंच भी धरने में शामिल होने वाला है।

रविवार के धरना आंदोलन में राजपूत छत्रिय समाज की ओर से अपनी बात कहते हुए अरुण सिंह चौहान ने कहा कि हजारों करोड़ का राजस्व बिलासपुर क्षेत्र से केंद्र और राज्य सरकार को प्राप्त होने के बावजूद यहां हवाई सुविधा शुरू नहीं होना बिलासपुर क्षेत्र के लोगों के साथ अन्याय है।  अधिवक्ता संघ के जिला अध्यक्ष सुरेश सिंह गौतम ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जिस तरह से हाईकोर्ट एवं रेलवे जोन के लिए आंदोलन हुआ उसी तर्ज पर किए जाने की आवश्यकता है। कांग्रेस नेता रविंद्र सिंह ने आने वाले समय में इस जन संघर्ष में राजपूत समाज की सक्रिय भागीदारी की बात कही।अरपा पार क्षेत्र के चित्रसेन सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार को केवल 100 करोड़ रुपये की स्वीकृति हवाई अड्डे के लिए देनी है और यह रकम बिलासपुर से मिल रहे राजस्व के मुकाबले कुछ भी नहीं है।

भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रोशन सिंह ने बिलासपुर से जुड़े इस जायज आंदोलन को हर संभव सहयोग देने की बात कही।

अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में बताया कि बिलासपुर 1988 में भोपाल के लिए बिलासपुर से वायुदूस सेवा चला करती थी। वर्ष 1994 में भी अर्चना एयरवेज ने हवाई सेवा संचालित की। अफसोस है कि राज्य निर्माण के पश्चात बिलासपुर हवाई अड्डे की ओर केंद्र और राज्य सरकारों ने उपेक्षा का रवैया अपना लिया और छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहर में यह सुविधा नहीं है। बिलासपुर जगदलपुर जगहों पर हवाई अड्डों का विकास किया गया जबकि बिलासपुर को छोड़ दिया गया। यहां तक कि हाईकोर्ट के द्वारा जनहित याचिका में दिये गये जवाब का भी पालन नहीं किया गया। इस समय चकरभाठा, बिलासपुर का हवाई अड्डा 78 सीटर विमान संचालन के लिए उपयुक्त है किन्तु इसका और विस्तार किया जाना आवश्यक है।

आज के धरने में आलोक सिंह, अभिषेक सिंह, गुड्डू सिंह, विकास सिंह, रंजीत सिंह, प्रदीप सिंह, अर्जुन सिंह, चंद्रपाल सिंह, दीपेंद्र सिंह, हेमन्त सिंह, गुलशन सिंह, सौरभ सिंह, आशीष सिंह, डॉ. करण सिंह, गजेंद्र चौहान, डीके सिंह, भैया सिंह, भरत सिंह, शैलेंद्र सिंह, अजय सिंह, राघवेंद्र सिंह, आदित्य सिंह के अलावा मनोज तिवारी, अशोक भंडारी,, सुधीर श्रीवास्तव, देवेंद्र सिंह, धर्मेंद्र मानिकपुरी, राजा अवस्थी, गोपाल दुबे, संजय पिल्ले, केशव गोरख, बद्री यादव, रूपेश कुमार, केशव शर्मा, मोहन परिहार, गणेश खांडेकर, राम दुलारे रजक, विकास जायसवाल, दिलीप सर्राफ, दीपांशु श्रीवास्तव, सुशांत शुक्ला, विकास दुबे, अफरोज खान, मंजू त्रिपाठी, सीमा पांडे, सुरेंद्र पांडे, विनोद पांडे, प्रेम साहू, विनय शर्मा, नवीन कलवानी, गोपी राव, रोहित सिंह सेंगर आदि उपस्थित थे

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