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निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों का आठ दिन में औसत 3 लाख का बना बिल

कोरोना/कोविड 19

एम्बुलेंस और दवा के नाम पर हो रही मनमानी वसूली, सीएमएचओ शासन को अवगत करायेंगे

बिलासपुर।निजी अस्पतालों ने बिस्तर और वेंटिलेटर का बिल तो शासन के नियम के तहत ही दिया है लेकिन एंबुलेंस और दवा के बिल का मीटर इतना घुमाया है कि 7 से 8 दिन में ही प्रत्येक मरीज को 3 से 4 लाख रुपए का भुगतान करना पड़ा है। इसके अलावा  निजी अस्पतालों ने ऑक्सीजन और पर्सनल केयर के नाम पर भी भारी बिल बना दिया है।

कोरोना मरीजों के उपचार के लिए जिले में आठ निजी अस्पतालों को अनुमति प्रदान की गई है। स्वास्थ्य विभाग को इन अस्पतालों द्बारा कोरोना मरीजों से ज्यादा बिल बनाने का शिकायत लागातार मिल रही थी। तब सीएमएचओ डॉ.प्रमोद महाजन ने 27 सितंबर को आठ निजी अस्पतालों को नोटिस जारी कर 29 सितंबर तक इलाज किये गये सभी मरीजों को दिये गये बिल की कॉपी जमा करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद आठों निजी अस्पातलों ने बिल की कॉपी स्वास्थ्य विभाग दे दी।

सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन का कहना है कि बिस्तर और वेंटिलेटर का बिल शासन ने निर्धारित किया है। दवा, ऑक्सीजन और एंबुलेस का मनमाना बिल निजी अस्पताल बना रहे हैं। अब शासन को इसके बारे में भी अवगत कराया जाएगा। एम्बुलेंस व दवा का रेट भी निर्धारित करने का सुझाव दिया जायेगा।

निजी अस्पताल संचालकों में रोष

निजी अस्पताल संचालकों का कहना है कि स्टाफ और खुद की जान को दांव पर लगा कर वे कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रहे हैं। उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन हमारे उपर शक कर रहा है। बिल की कॉपी तैयार करने में काफी परेशानी होती है क्योंकि वर्तमान में मरीजों का इलाज हमारी प्राथमिकता है। यदि इसी तरह परेशान किया गया तो निजी अस्पातल संचालक कोरोना मरीजों का इलाज बंद कर देंगे।

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