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अपने बच्चों को धन, सम्पत्ति दें या न दें, पर संस्कार देना न भूलें-संत चिन्मयानंद

जगमल चौक में संत चिन्मयानंद का राम कथा प्रवचन।

बिलासपुर। जगमल चौक पर चल रही रामकथा के चौथे दिन प्रवचनकार बापू चिन्मयानंद ने कहा कि भगवान जन्म नहीं लेते प्रकट होते हैं। जैसे दूध में घी छिपा होता है और उसे प्रकट किया जाता है। परमात्मा संसार में हर जगह व्याप्त है और उसे प्रेम के माध्यम से प्रकट करना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि जब भी धरती पर कौशिल्या माता की तरह प्रेम होता है परमात्मा को बुलाना नहीं पड़ता। वह खुद ही प्रकट हो जाता है।

कथा क्रम को आगे बढ़ाते हुए बापू चिन्मयानंद ने कहा कि हम अपने बच्चों का नाम ऐसे रखें जिससे ईश्वर या महापुरुष की याद आये। उन्होंने अंग्रेजी नामों का विरोध किया।

बापू ने कहा कि पहले जमाने में 16 संस्कार होते थे पर दुर्भाग्य से अब दो ही संस्कार बचे हैं। विवाह संस्कार और मृत्यु संस्कार। आज हम पैसे कमाने में इतने व्याप्त हो गये हैं कि अपने संस्कारों को भूल गये हैं। हम भारतीय हैं। भारत संस्कारों की धरा है। भारत के संस्कारों को न छोड़ें, यह ऋषियों ने हमें दिये हैं। आज पश्चिमी देशों की शैली इतनी हावी हो गई है कि हमारे युवा भाई-बहन पहनावा, संस्कार सब भूल गये हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चों को धन दें या न दें लेकिन संस्कार अवश्य दें।

मालूम हो कि बर्फ फैक्ट्री के समीप जगमल चौक के पास बापू चिन्मयानंद की रामकथा का आयोजन 28 नवंबर हो रहा है, जो प्रतिदिन शाम शाम चार बजे से रात 7.30 बजे तक होती है। इसका समापन चार दिसम्बर को होगा। चिन्मयानंद बापू द्वारा पूरे भारत के अनेक महानगरों में राम कथा कही जा चुकी है। इनके मुख से कथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ पहुंचती है। भगवान श्री परशुराम सेवा समिति और हिन्दू मंच बिलासपुर के तत्वावधान में यह कार्यक्रम रखा गया है।

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