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भारत बंद को मिला व्यापारियों का समर्थन, आवश्यक सेवाओं पर आंशिक असर, स्कूलों में कम पहुंचे बच्चे

गौरेला में बाजार बंद करने का आह्वान करने निकले कांग्रेसजन।

अलग मांगों के साथ वामपंथी दल भी  देशव्यापी हड़ताल पर बैठे

पेट्रोल डीजल के बढ़ती कीमत के विरोध में  कांग्रेस द्वारा आयोजित भारत बंद का बिलासपुर के बाजार में खासा असर देखने को मिला। मंत्री अमर अग्रवाल के निवास के बाहर प्रदर्शन करने निकले कांग्रेसियों ने जमकर नारेबाजी की। स्कूल-कॉलेज, पेट्रोल पम्पों तथा बसों की आवाजाही पर आंशिक असर देखने को मिला। कोटा-रतनपुर में भी बंद सफल होने की जानकारी मिली है। सीपीआई, सीपीएम ने मानवाधिकार हनन, बेरोजगारी, महंगाई और साम्प्रदायिकता के विरोध में प्रदर्शन किया।

कांग्रेस और सहयोगी इकाईयों, युवक कांग्रेस, एनएसयूआई कार्यकर्ता आज सुबह नेहरू चौक पर इकट्ठे हुए और छत्तीसगढ़ प्रभारी और राष्ट्रीय सचिव चंदन यादव के नेतृत्व में गोल बाजार, सदर बाजार, जूना बिलासपुर, गांधी चौक, टेलीफोन एक्सचेंज रोड, लिंक रोड आदि की दुकानों को बंद कराने के लिए निकले। चूंकि व्यापारी संगठनों ने पहले ही बंद को समर्थन देने की घोषणा कर दी थी, इसलिए उन्हें दुकानों को बंद कराने में कोई परेशानी नहीं हुई। महंगाई का विरोध जताने के लिए कुछ लोग बैलगाड़ी और घोड़े पर सवार थे तो कुछ लोग बाइक को ठेले पर लादकर ले जा रहे थे। कई जगहों पर प्रदर्शनकारी साइकिल लेकर निकले थे। स्थानीय विधायक व प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल के निवास पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की थी। अमूमन ऐसे मौके पर अग्रवाल के निवास के सामने बेरिकेड्स लगा दिए जाते हैं, पर इस बार ऐसा नहीं किया गया था, हालांकि जहां-जहां कांग्रेसियों की भीड़ थी, बख्तरबंद गाड़ियों के साथ सशस्त्र पुलिस बल को तैनात कर दिया गया था।

यादव के अलावा शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर, महेन्द्र गंगोत्री, तनमीत छाबड़ा, सुनील शुक्ला सहित अनेक कार्यकर्ता आंदोलन में शामिल थे।

माल धक्का व्यापारी संघ के अध्यक्ष सुनील सोन्थलिया ने बताया कि व्यापार विहार में दोपहर तक व्यवसाय पूरी तरह बंद रखा गया। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से व्यापारियों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए भारत-बंद के आह्वान का समर्थन किया गया।

बंद में अनेक आटो रिक्शा चालकों के शामिल हो जाने के कारण अनेक निजी स्कूलों में उपस्थिति नगण्य रही। पेट्रोल पम्पों में और बाजारों में कई जगह प्रदर्शनकारियों के पहुंचने के पहले शटर गिराए गए, जिन्हें उनके आगे बढ़ते ही खोल दिया जाता था। दवा दुकानों को बंद से छूट दी गई थी।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता शैलेश पांडेय कोटा, रतनपुर और गौरेला क्षेत्र में अपने समर्थकों के साथ सक्रिय रहे उन्होंने बताया कि महंगाई के विरोध में आम जनता और व्यापारियों ने बंद को पूरा समर्थन दिया। कांग्रेसियों ने चौक चौराहों पर सभा ली, जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

तखतपुर में बंद का व्यापारियों ने जोरदार समर्थन किया और दोपहर दो बजे तक दुकानों के शटर गिरे रहे। कांग्रेस के प्रदेश सचिव आशीष सिंह ठाकुर, पूर्व विधायक जगजीत सिंह मक्कड़, जिला पंचायत सदस्य जितेन्द्र कौशिक आदि ने पुराना बस स्टैंड चौराहे पर सभा ली और केन्द्र की मोदी सरकार को महंगाई के लिए जमकर कोसा।

बंद के दौरान अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस सतर्क थी और जगह-जगह बल तैनात किए गए थे। दोपहर तक किसी स्थान से अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

डरा-धमकाकर बंद कराया-भाजपा

दूसरी तरफ भाजपा नेता मनीष अग्रवाल ने आरोप लगाया कि कांग्रेसियों ने शहर में व्यापारियों को डरा-धमकाकर बंद कराया है। इसके बावजूद इसका कहीं-कहीं थोड़ा सा ही असर देखने को मिला।  विजय तामक्रार रोशन सिंह आदि ने कहा कि कांग्रेस का आंदोलन चुनावी समर में वोट लूटने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है। आधे कांग्रेसी आज सड़क पर नहीं उतरे और अपना काम-धंधा निपटाने में लगे रहे। दरअसल जनता कांग्रेस दफ्तर को ही बंद करने का निर्णय ले चुकी है।

सीपीआई, सीपीएम ने दिया नेहरू चौक पर धरना

केन्द्र सरकार की नीतियों के विरोध में आज वामपंथी दलों ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल का निर्णय लिया, जिसके तहत सीपीएम, सीपीआई व किसान सभा के नेताओं ने नेहरू चौक पर धरना देकर प्रदर्शन किया।

आंदोलन में शामिल वक्ताओं सीपीआई के सचिव पवन शर्मा, सीपीएम के सचिव रवि बेनर्जी, सीपीआईएमएल के ललन राम, छत्तीसगढ़ किसान सभा के नंद कश्यप आदि ने कहा कि केन्द्र में बैठी मोदी सरकार की नीतियां जनविरोधी है। इनके शासन में बेरोजगारी और सांप्रदायिकता में बेतहाशा वृद्धि हुई है। देश अराजक भीड़ की हिंसा से जूझ रहा है।. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, मजदूर और किसान नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। डाक कर्मचारियों पर घर तक आकर बिना सुरक्षा पैसे लाने ले जाने की जिम्मेदारी का अतिरिक्त बोझ लाद दिया गया है। आम लोगों के धन से मुख्यमंत्री की फोटो लगे मोबाइल फोन बांटे जा रहे हैं। सरकार खुद शराब बेचने में लगी हुई है। आम लोगों का खर्च बढ़ाया जा रहा है। कभी पकोड़े तो कभी भीख मांगकर रोजगार पैदा करने की बात कही जा रही है। अनेक धनपति बैंकों का करोड़ों रुपए लेकर विदेश फरार हो गए। राफेल अब तक का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला है, जिसकी संसद की समिति से जांच कराने की मांग ठुकरा दी गई। लोगों की जेब में 15 लाख रुपए देने की बात थी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक आज धान का मूल्य 2800 रुपए प्रति क्विंटल धान किया जाना चाहिए था। कभी गोरक्षा तो कभी धर्म के नाम पर हिंसा हो रही है। इन सबके विरोध में यह बंद किया जा रहा है।

 

 

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