चुनाव के पहले आंदोलनों का जो सिलसिला शुरू हुआ है, उसमें एक के बाद शासकीय सेवकों के सारे संगठन शामिल होते जा रहे हैं। इसी सिलसिले में बुधवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने नेहरू चौक से मुंगेली नाका तक एक बड़ी रैली निकाली। मुख्यमंत्री का प्रवास होने के कारण उन्हें कई बार रास्ता बदलना पड़ा और अधिकारी भी उनकी फरियाद सुनने के लिए उपस्थित नहीं थे। पूरे संभाग से एकत्र सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सड़क पर प्रदर्शन कर लोगों का ध्यान अपनी मांगों की ओर खींचा।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने मांग की है कि उन्हें शासकीय कर्मचारी घोषित कर न्यूनतम 18 हजार रुपए मानदेय दिया जाए। जो कार्यकर्ता बर्खास्त कर दिए गए हैं, उन्हें बहाल किया जाए।

पेंशन, ईपीएफ और समूह बीमा योजना से उन्हें जोड़ा जाए। सेवानिवृत्ति पर एक मुश्त दो लाख रुपए दिया जाए। सहायकों को एक लाख रुपए दिया जाए। इसके अलावा उन्हें जीवन निर्वाह के लिए पांच और चार हजार रुपए हर माह दिए जाएं। कार्यकर्ता के रिक्त पदों पर शत-प्रतिशत सहायिकाओं की भर्ती की जाए जो अभी सिर्फ 25 प्रतिशत है। सुपरवाइजर के रिक्त पदों पर भी शत-प्रतिशत कार्यकर्ताओं की भर्ती की जाए। कार्यकर्ताओं से अन्य कार्य आए दिन लिए जाते हैं, जिस पर प्रतिबंध लगाया जाए। कई आंगनबाड़ी केन्द्र दर्ज संख्या कम होने के कारण बंद किए जा रहे हैं, वहां के कार्यकर्ता और सहायक सेवामुक्त किए जा रहे हैं। इस पर रोक लगाई जाए। कार्यकर्ताओं का इंधन व्यव बढाया जाए, मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र समाप्त कर आंगनबाड़ी केन्द्र में उन्हें बदला जाए।

 

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