मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के मुख्य आतिथ्य में बार कौंसिल ऑफ इंडिया के नए भवन का आज लोकार्पण हुआ। बार कौंसिल की अधिकांश मांगों को उन्होंने पूरा करने की घोषणा की। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधिपति जस्टिस दीपक गुप्ता विशेष रूप से इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने घोषणा की है कि वकालत का व्यवसाय शुरू करने वाले युवाओं को अपना करियर बनाने में सरकार प्रोत्साहन देगी। उन्हें शुरूआती तीन-चार सालों तक वजीफा दिया जाएगा। अदालतों में जल्द ही ई-लाइब्रेरी शुरू की जाएगी। कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के जज, छ्त्तीसगढ़ हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस दीपक गुप्ता खास तौर पर उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने आज शाम स्टेट बार कौंसिल के नए भवन का लोकार्पण करते हुए हाईकोर्ट ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में यह घोषणा की। कौंसिल की मांग पर उन्होंने नए भवन की साज-सज्जा के लिए 30 लाख रुपए देने की घोषणा की। इसके अलावा मृत्यु होने पर वकील के आश्रितों को दिए जाने वाले अंशदान में बढ़ोतरी कर कुल तीन लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वकीलों के प्रशिक्षण के लिए वे लायर अकादमी बनाने के लिए तैयार हैं और इस पर वे चीफ जस्टिस द्वारा दिए जाने वाले सुझावों के अनुरूप कार्य करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विधिक सेवा के लिए राज्य का बजट पहले के 16.50 करोड़ से बढ़कर अब 536 करोड़ पहुंच चुका है। न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों की बड़ी संख्या में नियुक्ति दी गई है और आधारभूत संरचनाओं के विस्तार में बड़े कदम उठाए गए हैं।

मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी ने कहा कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की सुविधाओं से उन्हें सुखद अनुभूति हुई है। मुझे खुशी है कि परिवार के मुखिया डॉ. रमन सिंह अपनी जिम्मेदारी को भली-भांति निभा रहे हैं। बार कौंसिल अध्यक्ष प्रभाकर सिंह चंदेल ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कौंसिल की मांगों को पूरा करने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया। समारोह में जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर, प्रशांत मिश्रा, हाईकोर्ट के जज,  बार कौंसिल ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि शैलेन्द्र दुबे, बड़ी संख्या में न्यायिक अधिकारी और अधिवक्ता उपस्थित थे।

 

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