बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में आज कोरोना वायरस और लॉकडाउन  जुड़े मामलों पर आगे की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंस से की जानी थी पर ऐन मौके पर केन्द्र सरकार की एडवाइजरी के बाद तिथि आगे बढ़ा दी गई।

मालूम हो कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय की ओर से कल शाम केन्द्र व राज्य सरकारों को जूम एप को लेकर सावधान किया गया था। केन्द्र की विज्ञप्ति में कहा गया कि साइबर कोआर्डिनेशन सेंटर (साइकार्ड) ने पाया है कि जूम एप प्लेटफॉर्म के जरिये वीडियो कांफ्रेंसिंग में गोपनीयता सुरक्षित नहीं रह सकती। अतः सरकारी कार्यालयों में अधिकारिक कामकाज के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जाये। इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सर्ट-इन) ने अपने अध्ययन में पाया है कि ज़ूम एप सुरक्षित नहीं है। हालांकि इस आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि इस एप का इस्तेमाल किया भी जाये तो जूम कांफ्रेंस रूम में अनाधिकृत प्रवेश कर क्षति पहुंचाने से रोकने के लिए उपयोगकर्ता कुछ सावधानी बरतें। इन सावधानियों में बताया गया है कि प्रत्येक बैठक के लिए नया आईडी और पासवर्ड बनाया जाये। एक प्रतीक्षा कक्ष बनाया जाये, जिसमें कोई भी प्रतिभागी केवल होस्ट की अनुमति से ही भाग ले सके। ज्वाइन फीचर को भी डिसएबल रखा जाये। स्क्रीन शेयरिंग में भी होस्ट की अनुमति का विकल्प चुना जाये। ऐसे प्रतिभागी जिनको मीटिंग से हटा दिया गया है वे दुबारा ज्वाइन न कर सकें, यह विकल्प चुना जाये। फाइल ट्रांसफर करने का विकल्प भी डिसेबल रखा जाये। जब सारे प्रतिभागी मीटिंग ज्वाइन कर लें तो मीटिंग को लॉक कर दिया जाये। रिकॉर्डिंग फीचर को भी ऑफ रखा जाये।

उल्लेखनीय है कि बिलासपुर हाईकोर्ट सहित प्रदेश की सभी अदालतों में लॉकडाउन के चलते तीन मई तक कामकाज बंद रखा गया है। हाईकोर्ट में अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से की जा रही है। विगत 13 अप्रैल को लॉकडाउन से प्रभावितों को राहत पहुंचाने व कोरोना संक्रमण से जुड़े अन्य मामलों की सुनवाई हुई थी। इसके आगे की सुनवाई आज 17 अप्रैल को तय की गई थी जिसमें प्रमुख रूप से बिलासपुर में स्थापित किये जाने वाले कोरोना लैब के कार्य में प्रगति तथा तबलीगी जमात के सदस्यों के सम्पर्क में आये लोगों की जिले वार सूची पर शासन को जवाब प्रस्तुत करना था। हाईकोर्ट चीफ जस्टिस की ओर से हाईकोर्ट ने आज एक आदेश जारी कर इन मामलों की सुनवाई के लिए आगे की तिथि 20 अप्रैल तय की गई है। इस सूचना में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि उक्त वीडियो कांफ्रेंस में जूम का इस्तेमाल सुरक्षा प्रबंधों के साथ किया जायेगा अथवा अन्य किसी एप के जरिये सुनवाई होगी।

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