तखतपुर। टेकचंद कारड़ा। इन दिनों तखतपुर विधानसभा में महिलाओं की ही प्रतिनिधित्व है। विधायक, जनपद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, नगरपालिका अध्यक्षउपाध्यक्ष सहित अन्य महत्वपूर्ण पदों पर उनकी दमदार उपस्थिति है। ग्रामीण पृष्ठभूमि की इन महिलाओं को नेतृत्व का मौका एकाएक नहीं मिला है बल्कि घर से बाहर निकलकर धीरे-धीरे उन्होंने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस आठ मार्च को तखतपुर में राजनीति के शीर्ष पदों पर बैठी महिलाओं की भूमिका का जिक्र करना बहुत जरूरी है। इस बारे में तखतपुर की विधायक रश्मि सिंह का कहना है कि कि आज महिलाओं के लिए परिस्थितियां बहुत बेहतर हुई है। उन्हें वह दर्जा मिला है, जिसे कल तक असंभव सा समझा जाता था। अब तो ग्रामीण इलाकों की भी महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं। यह एक समाज में सकारात्मक बदलाव है।

राष्ट्रीय महिला आयोग की सलाहकार हर्षिता पांडे ने कहा कि  आधी आबादी के लिए अभी भी बड़ा बदलाव होना बाकी है। जब तक महिलाएं अपना निर्णय खुद नहीं ले पाएंगीं, उन्हें पूरा आदर सम्मान नहीं मिलता तब तक पूरे सशक्तिकरण की बात नहीं कही जा सकती।

नगर पालिका अध्यक्ष पुष्पा श्रीवास ने कहा कि कहा कि महिलाएं यदि कामयाब होना चाहती हैं तो उन्हें अपने आप को मजबूत करना होगा, संघर्ष करना होगा और उसे पूरा करने के लिए प्रयास करना होगा। सफलता जरूर मिलेगी और यह आज महिलाएं बखूबी सिद्ध कर रही हैं।

नगर पालिका उपाध्यक्ष वंदना सिंह ने कहा कि महिलाओं को अपने हुनर को पहचानना और उसे निहारते हुए आगे बढ़ना चाहिए। जब ऐसा होगा तो निश्चित रूप से महिलाओं के जीवन में एक बहुत बड़ा बदलाव आयेगा। हमें अपने विचारों को सकारात्मक भी रखना होगा।

शिक्षिका प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि महिलाओं के जीवन में बहुत कुछ बदला है। वे अब पढ़ लिखकर उन क्षेत्रों में भी आगे बढ़ रही हैं जिनमें कभी सिर्फ पुरुषों का वर्चस्व हुआ करता था।  इस परिवर्तन की आंधी में लोग अब बेटी और बेटों के बीच  मतभेद नहीं कर रहे हैं। अब लोग बेटी को भी उतना ही शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं जितना बेटों को।

जनपद अध्यक्ष राजेश्वरी कौशिक ने कहा कि महिलाओं की बदलती भूमिका का सबसे बड़ा उदाहरण मैं स्वयं हूं। मैं केवल गृहणी हुआ करती थी लेकिन परिवार और समाज  की सहयोग सहयोग से एक जनप्रतिनिधि बन गई हूं। यह तभी संभव हुआ है जब लोगों की सोच बदली है।

जनपद उपाध्यक्ष दिव्या मिश्रा ने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपना हुनर दिखा रही हैं। अब घर की चारदीवारी से निकलकर उन्होंने अपना लोहा हर क्षेत्र में मनाया है और अब हर सेक्टर में महिलाएं अपना योगदान देकर एक स्वस्थ समाज के निर्माण में योगदान दे रही हैं।

जिला पंचायत सदस्य ममता क्षत्री ने  कहा कि जहां आज बड़े शहरों में महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं वही अभी भी छोटे शहर और गांव में महिलाओं के जीवन में कई समस्याएं मौजूद हैं जिसे हल करने के लिए हमें प्रयास करना होगा।

गृहणी अनुपमा पाण्डेय ने कहा कि महिलाएं चाहे आज की हों या पिछली पीढ़ियों की, उन्होंने हमेशा अपने दायित्व बखूबी निभाया है। हां यह जरूर है कि अब महिलाएं बंदिशों से आजाद हैं और स्वाभिमान से सिर उठाकर चल रही हैं।

विमला जांगड़े ने कहा कि विश्व स्तर पर अब नारी ने अपनी पहचान बना ली है अब नारी शक्ति को कम नहीं आंका जाता और बेटियां भी अब हर मोर्चे पर सफल हो रही हैं। आज महिलाओं को जो सम्मान मिल रहा है वह आगे भी जब मिलेगा तब महिलाओं को हर क्षेत्र में कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा।

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