बिलासपुर। गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय की जीव विज्ञान अध्ययनशाला के जैव प्रौद्योगिकी विभाग में डॉ. पमीदिमारी देवा वेंकट नारायण सुधीर जुलाई 2019 से शोध परियोजना पर कार्य करेंगे।

डॉ. पमीदिमारी देवा वेंकट नारायण सुधीर को भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की प्रतिष्ठित- रामालिंगास्वामी री-एंट्री स्कीम फैलोशिप 2018-19,  प्रदान की गई है।

डॉ. सुधीर को इस शोध परियोजना में प्रतिष्ठित रामालिंगास्वामी री-एंट्री स्कीम फैलोशिप 2018-19 के अंतर्गत एक लाख रुपये प्रतिमाह की राशि फैलोशिप के रूप में प्राप्त होगी। साथ ही एचआरए अठारह हजार पांच सौ रुपये प्रतिमाह, शोध आकस्मिक अनुदान के तौर पर प्रथम दो वर्षों के लिए दस लाख रुपये सालाना, तीसरे एवं चौथे वर्ष हेतु साढ़े सात लाख रुपये तथा पांचवें वर्ष पांच लाख रुपये वार्षिक प्रदान किया जाएगा। साथ ही इंस्टीट्यूशन ओवरहेड हेतु पचास हजार रुपये वार्षिक प्रदान किया जाएगा।

इस फैलोशिप के लिए लागू नियम व शर्तों के अनुसार औपचारिक स्वीकृति आदेश जारी होने से पूर्व मेजबान संस्थान में कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात औपचारिक रुप से कार्यभार ग्रहण की सूचना संस्थान से अग्रषित कराकर भेजनी होगी। यह अपेक्षित है कि इस पत्र के जारी होने के नौ माह के भीतर शोध हेतु मेजबान संस्थान को ज्वाइन करें। इस आशय की जानकारी 17 मई, 2019 को जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा जारी की गई है।

 

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