रांची। प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को दावा किया कि झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के सचिव से कथित रूप से जुड़े एक घरेलू सहायक के परिसरों की तलाशी के दौरान भारी मात्रा में “बेहिसाबी” नकदी बरामद की गई है।
सूत्रों द्वारा साझा किए गए वीडियो और तस्वीरों में केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी गाड़ीखाना चौक स्थित एक इमारत के कमरे में बड़े बैग से नोटों की गड्डियां निकालते नजर आए। कुछ केंद्रीय बल के सुरक्षाकर्मी भी वहां देखे गए।
झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलम के निजी सचिव संजीव लाल का घरेलू सहायक भी कथित तौर पर इसी जगह पर रहता है। मीडिया से इस बारे में मंत्री आलम ने कहा, ”मुझे अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है।” उन्होंने कहा, ”मैं टीवी देख रहा हूं और इसमें कहा गया है कि यह परिसर सरकार द्वारा मुझे दिए गए आधिकारिक पीएस (निजी सचिव) से जुड़ा हुआ है।”
ईडी सूत्रों ने बताया कि नोट गिनने वाली मशीनों से गिनती की जा रही है। यह 20-30 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है। नकदी मुख्य रूप से 500 रुपये के नोटों में है तथा कुछ आभूषण भी बरामद किये गये हैं।
ज्ञात हो कि आलम (70) कांग्रेस नेता हैं और झारखंड विधानसभा में पाकुड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं।
यह तलाशी ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम के खिलाफ धन शोधन के मामले से जुड़ी है, जिसे पिछले साल ईडी ने गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने पिछले साल अप्रैल में उक्त अधिकारी की 39 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने के बाद जारी एक बयान में कहा था- “रांची में ग्रामीण निर्माण विभाग में मुख्य अभियंता के रूप में तैनात वीरेंद्र कुमार राम ने ठेकेदारों को निविदाएं आवंटित करने के बदले उनसे कमीशन के नाम पर अपराध से धन अर्जित किया।”
इसमें कहा गया है, “अपराध से अर्जित धन का उपयोग वीरेंद्र कुमार राम और उसके परिवार के सदस्यों द्वारा बहुत ही शानदार जीवनशैली जीने के लिए किया गया।” राम के खिलाफ मनी लॉंड्रिंग का मामला झारखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की शिकायत के बाद दर्ज किया गया था।

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