रायपुर। राज्य की पार्टी इकाई में अनादर का आरोप और पार्टी के भीतर “पुरुषवादी मानसिकता” से पीड़ित लोगों को बेनकाब करने की कसम खाने वाली कांग्रेस की नेशनल मीडिया कोऑर्डिनेटर राधिका खेड़ा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनका अपमान इसलिये किया जा रहा था क्योंकि उन्होंने अयोध्या जाकर रामलला का दर्शन किया था।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे अपने त्यागपत्र में खेड़ा ने कहा कि उन्हें पार्टी के भीतर आलोचना का सामना करना पड़ा क्योंकि वह खुद को अयोध्या में राम मंदिर जाने और राम लला की मूर्ति के दर्शन करने से नहीं रोक सकीं।
पत्र में उन्होंने लिखा है कि- “श्री रामलला की जन्मस्थली अयोध्या धाम हम सबके लिए बहुत पवित्र स्थान है और मैं वहां जाने से खुद को रोक नहीं पाई। लेकिन मैंने अपने जीवन में कभी नहीं सोचा था कि वहां जाने पर मुझे इतना विरोध झेलना पड़ेगा।”
उन्होंने कहा, “मैंने अपने जीवन के 22 साल से अधिक इस पार्टी को दिए हैं और एनएसयूआई से लेकर कांग्रेस के मीडिया विभाग तक पूरी ईमानदारी से काम किया है। इसके बावजूद मुझे इतना तीखा विरोध झेलना पड़ा, क्योंकि मैं अयोध्या में राम का समर्थन कर रही हूं।”
इस सप्ताह की शुरुआत में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एआईसीसी प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने कथित तौर पर कहा था कि वह “अपमान” के कारण इस्तीफा दे रही हैं। पार्टी के कुछ नेताओं ने कहा कि यह गुस्सा उनके और एक वरिष्ठ पदाधिकारी के बीच हुई बहस का नतीजा था।
प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों पर अपमान का आरोप लगाते हुए राधिका खेड़ा ने बीते तीन दिनों में कई ट्वीट किये थे, जिनमें एक वीडियो भी था। उनकी शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एआईसीसी के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने 24 घंटे के भीतर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज से रिपोर्ट मांगी थी। बैज ने राधिका खेड़ा व प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों से अलग-अलग कई घंटे बात की और अपनी रिपोर्ट भेज दी। इसके बाद अगले दिन राधिका खेड़ा ने इस्तीफा दे दिया।