हमर राज पार्टी के संस्थापक पूर्व केंद्रीय मंत्री नेताम की पत्रकार वार्ता 

प्रत्याशी सुदीप श्रीवास्तव और राष्ट्रीय अध्यक्ष अकबर कोर्राम भी रहे मौजूद 

बिलासपुर। हमर राज पार्टी के संस्थापक पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने कहा कि आदिवासी इलाकों में समस्याएं आज भी उसी तरह की बनी हुई है। राज्य बनने के बाद भी इसमें किसी तरह का कोई सुधार नहीं आया।उनकी नई पार्टी सभी लोगों को साथ लेकर चलने का इरादा लेकर आई है और तमाम समस्याओं के समाधान को लेकर इस पार्टी का उदय किया गया है। बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ही पार्टी मैदान में उतरी है। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दलों ने क्षेत्रीय समस्याओं की ओर कभी ध्यान नहीं दिया। इसका समाधान नहीं किया। जल जंगल जमीन खतरे में है। पब्लिक सेक्टर के कारण ही अभी तक कुछ बचा हुआ है और लोगों के हितों की रक्षा इसके रहते ही होगी। निजीकरण से सभी चीजें हाथ से निकल जाएगी।

बिलासपुर में हमर राज पार्टी के प्रत्याशी सुदीप श्रीवास्तव लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उनके लिए प्रचार करने पहुंचे नेताम ने कहा कि कांग्रेस शासन काल 1996 में पेसा कानून बनाया गया था जिसे कांग्रेस ने ही खत्म कर दिया। पेसा कानून के बावजूद बिना ग्राम सभा की अनुमति के खदानों के लाइसेंस बांटे जाते रहे हैं। आदिवासी इलाके के लोग खतरे में है। दोनों प्रमुख पार्टी की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है। हसदेव के जंगल को बचाया जाना बहुत जरूरी है। उस जंगल में जो साल के पेड़ हैं, वह लगाए नहीं जा सकते। वह अपने आप उगते हैं। और ऐसे पेड़ों को काटा जा रहा है जिसका परिणाम सभी भुगतेंगे। हमर राज पार्टी में अच्छे लोगों की तलाश हो रही है। सुदीप श्रीवास्तव जैसे लोग मिलते जाएंगे तो पार्टी और मजबूत होती जाएगी। एक दिन ऐसा आएगा कि दूसरी पार्टियों को यह पार्टी पीछे कर देगी।

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अकबर राम कोर्राम ने कहा कि करीब 12 राज्यों का दौरा करने के बाद उन्होंने पाया कि हर जगह आदिवासियों की हालत बुरी है। न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि दूसरे राज्यों में भी यह पार्टी विधानसभा और लोकसभा का चुनाव लड़ा रही है। किसी भी ग्राम पंचायत में जाकर देख लें वहां पंचायत के प्रतिनिधियों की बजाय सभी काम ठेकेदारों से कराया जा रहा है। आदिवासियों को बुनियादी सुविधाएं प्राप्त नहीं हो रही है। छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों में स्कूल बंद है, छात्रावासो में ठूंस ठूंस  कर छात्र-छात्राओं को भरा गया है।

प्रत्याशी सुदीप श्रीवास्तव ने कहा कि बिलासपुर का राजनीतिक वजन अविभाजित मध्य प्रदेश के पहले से ही काफी मजबूत रहा है। राज्य बनने के बाद भी यह जिला महत्वपूर्ण रहा। अंग्रेजों के समय जब बिलासपुर की उपेक्षा हुई तब अंग्रेजों ने भी बिलासपुर की लड़ाई लड़ी और कमिश्नरी बिलासपुर में स्थापित कराया। बीजेपी, कांग्रेस दोनों के प्रत्याशियों को बाहरी बताते हुए उन्होंने कहा कि दुर्ग से आया प्रत्याशी बीएसपी के कब्जे से लोगों की जमीन को फ्री नहीं करवा सका। इसी तरह भाजपा का प्रत्याशी भी बाहर से लाकर बिलासपुर में थोप दिया गया है। उन्होंने इन्हें चुका हुआ कारतूस बताया। सुदीप ने कहा कि इस समय संविधान खत्म होने की चर्चा हो रही है। 1947 के संविधान सभा में 70 फ़ीसदी वकील हुआ करते थे, आज इस पर कोई बात करने को तैयार नहीं है। कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने मान लिया है कि किसी को भी वे चुनाव मैदान में उतार देंगे, पब्लिक उन्हीं को वोट देगी। इस धारणा को तोड़ने के लिए ही तीसरी पार्टी की आवश्यकता है,जिसके लिए वह खुद हमर राज पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं।

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