स्वास्थ्य मंत्री ने दूरस्थ क्षेत्रों की सेवा में सुधार करने, निजी क्षेत्र की मदद लेने का निर्देश दिया

बिलासपुर। पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी, बीस सूत्रीय, वाणिज्यिककर मंत्री टी.एस.सिंहदेव ने स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की संभाग स्तर पर समीक्षा की। उन्होंने अस्पतालों में गुणवत्ता सुधार करने, दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा पर विशेष ध्यान देने और स्वास्थ्य सेवाओं के उन्नयन के लिये निजी क्षेत्रों की मदद लेने का निर्देश दिया।

कलेक्टर कार्यालय के मंथन सभाकक्ष में 17 जनवरी को आयोजित बैठक में बिलासपुर विधायक शैलेष पाण्डेय, तखतपुर विधायक रश्मि सिंह ठाकुर, स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका बारिक सिंह, संचालक आर.प्रसन्ना, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कार्पोरेशन के एमडी सर्वेशचन्द्र भूरे और चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक डॉ.एम. के. चन्द्राकर विशेष रूप से उपस्थित थे।

बैठक में स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव द्वारा दिये गए प्रमुख निर्देशः-

-सिम्स के संबंध में बहुत सी शिकायतें हैं जिनका निराकरण होना चाहिये। संभाग आयुक्त को निरंतर निरीक्षण करें।

-अस्पताल की सेवा में सुधार के लिये निजी चिकित्सकों की सेवा भी लें।

– रात में भी गायनिक विशेषज्ञ की व्यवस्था सुनिश्चित करें, जिससे मरीजों को परेशानी न हो। — मुंगेली जिला अस्पताल में रात के समय स्टाफ नहीं रहने की शिकायतें हैं इस संबंध में औचक निरीक्षण कर कार्रवाई करें।

– जिन पीएचसी, सीएचसी में विशेषज्ञ हैं उन्हें जिला अस्पताल लाया जाए।

– सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की एफआरयू यूनिट में बहुत सुधार की जरूरत।

-कुपोषित बच्चों को सुपोषण के स्तर पर लाने के लिये जिला अस्पतालों में कार्यरत एनआरसी सेंटर की उपयोगिता बढ़ाएं।

– आंगनबाड़ी में प्रतिमाह डॉक्टर जायें और कुपोषित बच्चों की जांच करें।

-चिरायु टीम स्कूल या आंगनबाड़ी में बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिये जब जायें तो इसकी जानकारी वहां के लोगों को हो, साथ ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को भी सूचना दें। चिरायु का लाभ हर बच्चे को मिलना चाहिये।

-संभाग में लेप्रोसी की ज्यादा समस्या कलेक्टर्स विशेष ध्यान दें।

-मितानिनों का भुगतान समय पर करें।

-ब्लड बैंक की सेवा सुचारू रूप से संचालित करें, आवश्यकता अनुसार मरीजों को समय पर रक्त उपलब्ध हो सके।

-चिरायु टीम के माध्यम से सिकलसेल की जांच और इसकी मॉनिटरिंग अच्छे से करें।

-सिकलसेल के मरीजों की काउंसिलिंग करें इसके लिए मेलों आदि में स्टाल लगाकर जांच करें।

-हेल्थ और वेलनेस सेंटर कलेक्टर की प्राथमिकता वाले कार्यों में शामिल रहे और रूचि लेकर अस्पतालों की मॉनिटरिंग करें।

बैठक में बिलासपुर कलेक्टर डॉ. संजय अलंग, कोरबा कलेक्टर अब्दुल कैसर हक, मुंगेली कलेक्टर डोमन सिंह, जांजगीर-चांपा कलेक्टर नीरज बंसोड़, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ.मधुलिका सिंह, सहित संभाग के सभी जिलों के चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थे।

 

सिम्स की समस्याओं की जानकारी ली

स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव ने सिम्स मेडिकल कालेज एवं अस्पताल की समस्याओं के संबंध में जानकारी ली। सिम्स के डीन डॉ.डी.के. पात्रा ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से सिम्स में व्याप्त कमियों पर ध्यान आकर्षित कराया।

उन्होंने मानव संसाधन की कमी के साथ-साथ सीटी स्कैन मशीन, एमआरआई मशीन, डायलिसिस मशीन के संबंध में जानकारी दी। सिटी स्कैन और एमआरआई मशीन एसईसीएल के सीएसआर मद से सिम्स अस्पताल को प्रदान किया जा रहा है। मशीन खरीदी में आने वाले दिक्कतों को दूर करने संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।

मेडिकल कॉलेज में फेकल्टी की कमी को दूर करने के संबंध में दिशा-निर्देश दिये गये।

तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों की भर्ती करने का निर्देश दिया गया। अतिरिक्त पदों के सृजन हेतु प्रस्ताव की जानकारी दी गई।

बढ़ते हुए ओपीडी की समस्या को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक ने निर्देशित किया कि जिला अस्पताल से कितने केस रिफर किये जाते हैं। इसका आकलन हर माह करें।

सफाई व सुरक्षा के लिये बजट, फायर सेफ्टी की व्यवस्था, भवन मरम्मत, डॉक्टरों के आवास की समस्या पर भी चर्चा की गई।

सिम्स लाइब्रेरी सातों दिन 24 घंटे खुलेगी

छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (सिम्स) कॉलेज के विद्यार्थियों से सिम्स ऑडिटोरियम में सिंहदेव ने सीधे संवाद किया और उनकी समस्याओं से रू-ब-रू होकर उनका समाधान किया। छात्रों ने छात्रावास में जगह की कमी की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया और नये भवन की मांग की। सिंहदेव ने उन्हें बताया कि सिम्स का नया भवन कोनी में बनेगा लेकिन उसमें समय लगेगा, तब तक छात्रों के लिए किराये के आवास की व्यवस्था की जायेगी। छात्रों ने कॉलेज की लाइब्रेरी को 24घंटे खुला रखने की मांग की। सिंहदेव ने कहा कि लाइब्रेरी को सातों दिन, 24घंटे खुला रखने की व्यवस्था करेंगे।

एमबीबीएस इंटर्नशिप छात्रों को प्रदाय की जाने वाली शिष्यवृत्ति को 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये करने की मांग पर सिंहदेव ने कहा कि पूरे प्रदेश से यह मांग आई है, इसका परीक्षण कराया जायेगा। वर्तमान में चिकित्सा महाविद्यालयों में एमबीबीएस करने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में दो वर्ष की बांड अवधि लागू है। उक्त दो वर्ष की अवधि को एक वर्ष करने का अनुरोध विद्यार्थियों ने किया। सिंहदेव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों के पदों को भरने का दबाव है। इसलिये फिलहाल दो वर्ष की अवधि को कम नहीं किया जायेगा। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने वाले छात्रों को बेहतर से बेहतर सुविधा दी जायेगी। स्वास्थ्य सचिव बारिक ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा करने वाले छात्रों को पीजी में अतिरिक्त मार्क्स दिये जाते हैं। सिंहदेव ने छात्रों की मांग पर कहा कि सिम्स में स्नात्तकोत्तर की सीटें बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने सिम्स छात्रावास में कैंटीन शुरू करने की स्वीकृति दी।

 

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