बिलासपुर । दुर्ग स्थित चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हॉस्पिटल को राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहण करने और लीज की जमीन पर इंडियन बैंक द्वारा ऋण दिए जाने के खिलाफ़ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है।

इस मामले में अमित चंद्राकर और 5 अन्य लोगों ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी एवं जस्टिस संजय अग्रवाल की डबल बेंच में शुक्रवार को हुई।

याचिका में कहा गया है कि अविभाजित मध्यप्रदेश के वरिष्ठ नेता और पत्रकार चंदूलाल चंद्राकर के नाम को चिरस्थायी रखने के उद्देश्य से दिग्विजय सिंह सरकार ने गरीबों को उचित इलाज मुहैया कराने के लिए हॉस्पिटल की स्थापना के लिए जमीन दी थी। लीज की शर्तों में यह उल्लेख है कि उक्त भूमि को लीज धारक समिति न तो बेच सकती है, न ही गिरवी पर रख सकती। इसके बावजूद इंडियन बैंक भिलाई से उन्होंने ऋण ले लिया। बैंक ने भी नियम विरुद्ध ऋण दिया। जब यह संस्था डूबने लगी तो प्रदेश सरकार ने उसे बचाने के लिए इसके कॉलेज और भूमि का अधिग्रहण कर लिया। बैंक का कर्ज पटाने के बाद भी डायरेक्टरों के हित का सरकार ने ध्यान रखा है। इस प्रकार का अधिग्रहण एवं लीज पर दी गई जमीन पर ऋण लिया जाना अवैधानिक है।

हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल सोसाइटी के 13 डायरेक्टर्स व इंडियन बैंक के सक्षम अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।

 

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