जगदलपुर : बस्तर भाजपा संगठन में गुटबाजी का आलम चरम पर है। आलम यह है कि जगदलपुर मंडल अध्यक्ष के लिए लगातार सभी दावेदार अपने-अपने नेताओं के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं। जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र के 4 मंडलों में मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति की जानी थी, मगर अब तक महज 2 मंडल अध्यक्ष ही चुने गए हैं। बचे हुए दो मण्डलों में से सबसे महत्वपूर्ण जगदलपुर शहर मण्डल के लिए तो विरोध की बात आम हो चुकी है। कारण साफ है कि भाजपा के बड़े नेता अपने किसी चहेते को अध्यक्ष बनाने की जुगत में लगे हुए हैं।किरण देव, संतोष बाफना, श्रीनिवास राव मद्दी सभी अपने-अपने चहेते नेता का नाम आगे कर रहे हैं। शहर में एक से अधिक दावेदार है जिसमें मनोहरदत्त तिवारी, राकेश तिवारी, आर्येन्द्र सिंह आर्य, शैलेन्द्र सिंह भदौरिया, संग्राम सिंह राणा के लिए सहमति नहीं बन सकी। हालांकि बस्तर जिले के भाजपा अध्यक्ष रूपसिंह मण्डावी गुटबाजी से इनकार करते हुए जल्द ही बचे हुए मंडल अघ्यक्षों की नियुक्ति की बात जरूर कह रहे हैं किन्तु वह स्वयं अब तक गुटबाजी के दबाव के चलते ही अपनी ही कार्यकारिणी गठित करने में असफल नजर आ रहे हैं। पार्टी की गुटबाजी भी इस प्रकार सतह पर आ चुकी है सभी वरिष्ठ नेताओं के बीच तालमेल की कमी साफ नजर आ रही है।हालांकि जगदलपुर शहर मंडल के लिए सभी मौजूदा दावेदारों ने अपनी-अपनी दावेदारी प्रस्तुत की थी किन्तु इस प्रकार की गुटबाजी के चलते मंडल अध्यक्ष के लिए किसी एक के नाम सहमति नहीं बन पाई थी, लेकिन इन सबके इतर गुटबाजी को दरकिनार करते हुए जिला सहकारी संघ के अध्यक्ष एवं पूर्व में भी जगदलपुर मंडल की कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष रह चुके वेदांत दीक्षित के नाम पर सहमति बनती नजर आ रही है। और सभी नेताओं को साधने के लिए बस्तर जिला भाजपा अध्यक्ष जल्द औपचारिक रूप से वेदांत दीक्षित के नाम की घोषणा कर सकते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here