बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत प्रमोद जोगी की निधन के बाद मरवाही विधानसभा में उपचुनाव में आज विधायक चुनाव के लिए मतदान शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो गया। जानकारी के अनुसार मतदान में कुल 1 लाख 90 हजार 907 मतदाताओं नें भाग लिया, ये तो तय है कि मरवाही के मतदाताओं नें ये तय कर लिया है कि उनके द्वारा किए गए मतदान से मरवाही का अगला कमियां कौन बनेगा, अर्थात उनका विधायक कौन होगा, फिलहाल तो मतगणना और परिणाम की घोषणा 10 नवम्बर को होना तय है, इसलिए जोगी परिवार की तरह बीजेपी और कांग्रेस पार्टी सहित जनता को भी इंतजार करना होगा।

छ.ग. के मरवाही में संपन्न हुए उपचुनाव में काफी गहमा गहमी के माहौल के बीच आखिरकार आज 3 नवम्बर को मतदान संपन्न हो गया। इस उपचुनाव में आठ प्रत्यासी चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे थे। इस बार मरवाही के कमियां, स्व जोगी जी का परिवार मरवाही विधानसभा चुनाव से बाहर रहा, उनके संगठित वोटरों पर हर प्रत्यासी की तीखी नजर थी। हालांकि मतदाताओं को रिझाने में किसको कितनी सफलता मिली,यह तो आने वाली 10 तारीख पानी की तरह साफ हो जाएगा। इस बार 286 बूथों में मतदान कराय गया, आठ प्रत्याशियों में से डॉ. गम्भीर सिंह भाजपा से, डॉ. के के ध्रुव कांग्रेस से, डॉ. उर्मिला मार्को राष्ट्रीय गोंडवाना पार्टी, पुष्पा कोर्चे, वीर सिंह नागेश भारतीय ट्राइबल पार्टी, रीतू पेंद्रम गोंगपा, लक्ष्मण पोर्ते सर्वजन हिताय पार्टी, सोनमती सलाम निर्दलीय, ने चुनाव में भाग लिया। इसके साथ चुनाव में जातिगत वोटरों गोंड आदिवासी 70 हजार, कंवर 20 हजार, भैना 10 हजार,पनिका 12 हजार, सतनामी 5 हजार, सिदार 5 हजार, जायसवाल 7 हजार, को भी कांग्रेस और भाजपा सहित सभी पार्टियों ने अपने पक्ष में मतदान कराने कोई कसर नहीं छोड़ी।

मरवाही में 4211 युवा वोटर इस बार पहली बार मतदान का प्रयोग किये। पुरुष मतदाता 93,694, महिला मतदाता 97,209 नें अपने मतों का प्रयोग किया। सभी उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम मशीन में कैद हो गया जो आने वाली 10 तारीख को मरवाही का नया विधायक देगी। कमोबेश शांतिपूर्ण ढंग से मतदान सम्पन्न हुआ शाम 5 बजे तक लगभग 71.99 प्रतिशत मतदान हुआ, जानकारों की माने तो उम्मीद से ज्यादा मतदान हुआ है, और उम्मीद से अधिक मतदान का होना सत्ता पक्ष के लिए शुभ संकेत नहीं माना जाता, इस चुनाव में कांग्रेस व भाजपा के बीच सीधा मुकाबला बताया जा रहा है, किसकी जीत होगी यह कह पाना बहुत मुश्किल है, क्योंकि मतदाता साइलेंट है। वहीं सत्तारूढ़ दल कांग्रेस पार्टी के नेता अपनी जीत के प्रति आश्वासन नजर आ रहें है, तो वंही विपक्षी दल भाजपा नेताओं का कहना है कि हम जीत रहे है। फिलहाल जीत का सेहरा किसके गले की शोभा बढ़ाता है ये तो 10 नवंबर को तय होगा, लेकिन परिणाम को लेकर दोनों दलों के साथ साथ जोगी परिवार की नींद भी उड़ी हुई हैं।

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