चार राज्यों के कई ठिकानों पर दबिश देने के बाद बिहार के मीरगंज से पुलिस टीम ने दबोचा

बिलासपुर। ऑपरेशन विराट की कामयाबी के करीब एक पखवाड़े बाद इस अपहरण कांड का सरगना राजकिशोर सिंह आखिर पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। पुलिस की दर्जन भर टीमों ने दिल्ली, यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़ में अनेक ठिकानों पर छापा मारने के बाद उसे बिहार मीरगंज से हिरासत में लिया गया। इसके साथ ही इस अपराध से जुड़े सभी लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

बिलासपुर के विवेक सराफ के सात साल के बेटे विराट सराफ का 20 अप्रैल को करबला रोड स्थित घर के पास से अपहरण हो गया था। कई जिलों की पुलिस टीमों की संयुक्त कोशिशों के बाद बड़ी सतर्कता और चतुराई से काम लेते हुए पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा और उनकी टीम ने 25 अप्रैल को विराट को अपहर्ताओं से छुड़ा लिया था। इस मामले में विराट की बड़ी मां नीता सराफ सहित चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था लेकिन अपहरण कांड का मास्टर माइंड राजकिशोर घटना के बाद से ही फरार था और दूसरे प्रांतों से फोन कर फिरौती की मांग कर रहा था। विराट को छुड़ाने और स्थानीय आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने राजकिशोर को पकड़ने पर ध्यान केन्द्रित कर रखा था। इसके लिए कई टीमें दूसरे प्रांतों में जाकर उसके अनेक ठिकानों पर दबिश दी। आईजी प्रदीप गुप्ता, एसपी मीणा एएसपी शहर ओपी शर्मा व सीएसपी कोतवाली की मिली जुली कोशिशों के बाद साइबर सेल की टीम ने कुछ तकनीकी जानकारी जुटाई और आरोपी राजकिशोर (30 वर्ष) का सही ठिकाना मिला। इसके बाद मीरगंज बिहार से उसे गिरफ्त में ले लिया गया। उससे अपहरण और फिरौती के लिए इस्तेमाल में लाया गया सिम कार्ड और मोबाइल फोन जब्त किया गया है। आरोपी राजकिशोर छपरा जिले के थाना मशरफ के ग्राम अरना का निवासी है और पन्नानगर जरहाभाठा में रहता था, जहां विराट को छिपाकर रखा गया था। उसके खिलाफ रतनपुर थाने में एक युवक का अपहरण कर फिरौती मांगने का अपराध पहले से ही दर्ज है, जिसमें उसे सजा भी हुई थी।

अपहरण के बाद विराट को पन्नानगर स्थित अपने घर में एक अन्य आरोपी अनिल सिंह के साथ कैद करने के बाद राजकिशोर सिंह दूसरे दिन 21 अप्रैल को अम्बिकापुर, बलरामपुर होते हुए औरंगाबाद बिहार चला गया था। वह लगातार छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, बिहार के अलग-अलग स्थानों से फोन कर विराट के परिजन से फिरौती मांग रहा था। विराट की बरामदगी और अपने साथियों की गिरफ्तारी की ख़बर मिलने के बाद वह अपना मोबाइल बंद कर वह उत्तरप्रदेश, बिहार में अलग-अलग स्थानों पर छिपता रहा।

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