शहर में गुरुनानक देव का प्रकाश पर्व धूम-धाम, श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया।
दयालबंद और गोंडपारा स्थित गुरुद्वारों में बीते दो दिनों से शबद कीर्तन और लंगर का आयोजन किया गया। गुरुद्वारों को रोशनी से सजाया गया। सामाजिक समरसता और भाईचारे के प्रतीक इस पर्व में सभी धर्मों के लोग शामिल हुए। पंच प्यारों के जुलूस में समुदाय के लोगों ने भागीदारी की और उनके रास्ते को उन्होंने झाड़ू से साफ किया।
549वें प्रकाश पर्व के अवसर पर शहर में बड़ी चहल-पहल रही। एक नगर कीर्तन जुलूस गोंडपारा गुरुद्वारा साहिब से तथा दूसरा दयालबंद ने निकाला गया। पंच प्यारों की अगुवाई के लिए रास्ते की सफाई की गई। सड़क को पानी से साफ किया गया और झाड़ू लगाई गई। गुरु के सेवक बारी-बारी से यह सेवा करते रहे। नगर कीर्तन में सिक्ख समाज की महिलाएं भी शामिल थीं, उनका कीर्तन जत्था आकर्षक था।
दोनों ही गुरुद्वारों को आकर्षक रोशनी से सजाया गया और यहां आतिशबाजी की गई।
दयालबंद गुरुद्वारा के पूर्व अध्यक्ष तविन्दर पाल सिंह अरोरा एवं सक्रिय सदस्य अमरजीत सिंह दुआ बताते हैं कि यहां के कार्यक्रमों में जालंधर वाले भाई शमशेर सिंह, शुभदीप सिं, हजूरी रागी दरबार साहिब अमृतसर से भाई सतनाम सिंह आदि ने हाजिरी देकर पर्व की रौनक बढ़ाई।