बिलासपुर। कांग्रेस की ओर से एक विज्ञप्ति जारी कर नगर निगम बिलासपुर के सीमा विस्तार को अति-आवश्यक बताते हुए ‘उन लोगों’ से सावधान रहने के लिये कहा है जो इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। विज्ञप्ति में संगठन के अनेक पदाधिकारियों तथा पूर्व विधायक तक के नाम शामिल हैं पर जिले के दोनों कांग्रेस विधायकों के नाम गायब हैं।
प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव, बिल्हा के कांग्रेस प्रत्याशी राजेन्द्र शुक्ला, बेलतरा प्रत्याशी राजेन्द्र साहू, पूर्व विधायक दिलीप लहरिया, जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी, शहर अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर, प्रदेश प्रवक्ता अभय नारायण राय, प्रदेश सचिव महेश दुबे, रामशरण यादव तथा प्रमोद नायक की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि नगर निगम की सीमा वृद्धि कर इसमें 29 ग्राम पंचायतों को शामिल करने का प्रस्ताव वर्षों पहले का है, जिस पर निर्णय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिया। कुछ लोग जनता के बीच भ्रम फैला रहे हैं उनकी अफवाहों पर ग्रामीण और मतदाता ध्यान न दें। यह एक ठोस कदम है। शहर को बी ग्रेड का दर्जा मिलेगा और स्मार्ट सिटी के रूप में केन्द्र से भी निश्चित फंड मिलेगा। लोग टैक्स में वृद्धि होने, नक्शा पास कराने के लिए बिलासपुर चक्कर लगाने तथा झोपड़ियां टूटने की अफवाह फैला रहे हैं, जबकि बघेल सरकार घोषणा कर चुकी है कि किसी की झोपड़ी नहीं टूटेगी उन्हें पट्टा दिया जायेगा। किसी एक का भी मकान नहीं टूटेगा। जब तक नये शामिल क्षेत्रों में विकास नहीं हो जाता कोई नया टैक्स नहीं लगेगा। नगर-निगम को 10 जोन में बांटा जायेगा, जिनमें सक्षम अधिकारी नक्शा पास करने के लिए रहेंगे। राज्य बनने के बाद भी बिलासपुर संकुचित दायरे में सिमटा हुआ है, जबकि रायपुर,रायगढ़, राजनांदगांव का सीमा विस्तार पहले से ही हो चुका है। मुख्यमंत्री की बिलासपुर के विकास के लिए योजनाबद्ध कार्य करना चाहते हैं। बिलासपुर का विकास चाहने वाले सभी लोगों को इसका समर्थन करना चाहिए तथा विरोध करने वालों की पहचान होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि सकरी नगर पंचायत को नगर निगम में शामिल करने का विरोध करने वालों का कुछ दिन पहले तखतपुर की कांग्रेस विधायक रश्मि सिंह ने समर्थन किया था। उनका और बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय का नाम कांग्रेस के इस बयान में शामिल नहीं है।