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फर्जी दस्तावेजों से वकालत, बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने हाईकोर्ट में पेश किया जवाब

अधिवक्ता तामस्कर, श्री प्रकाश चौबे के नाम पट्टिका की तस्वीर दिखाते हुए।

बिलासपुर। हाईकोर्ट को दिये गए जवाब में फर्जी दस्तावेज के आधार पर वकालत कर रहे दीनदयाल चौबे के खिलाफ बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने कानूनी कार्रवाई की अनुशंसा की है।

दुर्ग के वकील श्री प्रकाश चौबे के खिलाफ सन् 1984 से यह मामला विभिन्न अदालतों में चल रहा है। प्रेस क्लब में आज इस मामले में मो. अशरफ की ओर से मुकदमा लड़ रहे अधिवक्ता वी. जी तामस्कर ने बताया कि दरअसल श्री प्रकाश चौबे का असली नाम दीनदयाल चौबे है। उसने अपने साले श्री प्रकाश चौबे की शैक्षणिक योग्यताओं की प्रमाणित प्रतियां जमा कर खुद प्रकाश चौबे बनकर वकालत शुरू कर दी। इस बात की शिकायत अधिवक्ता आर डी तिवारी और खुद असली प्रकाश चौबे ने स्टेट बार कौंसिल मध्यप्रदेश से की थी। बाद में श्री प्रकाश चौबे का अधिवक्ता का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। तब दीनदयाल चौबे ने दिल्ली बार एसोसियेशन के जरिये फिर अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया और वकालत शुरू कर दी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस मामले में बार कौंसिल ऑफ इंडिया से जवाब मांगा था। कौंसिल की ओर से बीते 4 जनवरी को जवाब पेश किया गया है कि श्री प्रकाश चौबे का प्रेक्टिशनर के नाम पर पंजीयन गलत है और उसके विरुद्ध कानूनी सम्मत कार्रवाई की जानी चाहिए। उक्त जानकारी देते हुए अधिवक्ता तामस्कर ने बताया कि 14 जनवरी को हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है।

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